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Saturday 27 November 2010

ghrh shanti ke upay

  1 .    कबूतर की बीट एवं लोबान को कंडे पर धूप देकर पुरे घर में धुआं करे , सुबह शाम अथवा रविवार ,
              बुधवार घर में शांति मिलेगी !
        २.   घर का मुखिया रात्रि में चोराहे पर बांटी ( आटे से गोल लड्डू नुमा ) बनाये , बांटी सिर्फ पाँच बनाये ,
              फिर उसका क्षेत्रपाल देवता के नाम से उसी स्थान पर भोग लगाकर रास्ता बदलकर घर आये ! घर में
              पूर्ण शांति मिलेगी ! यह कार्य चोदस , रविवार अथवा अमावस्या पर करने से विशेष लाभ मिलेगा !
             उपरोक्त शुभ टोटको का भारतीय परम्परा एवं संस्कार में बड़ा महत्व है इन टोटको को अपनाये और
             लाभ उठाये ! इति शुभम

Friday 26 November 2010

shkun - upshkun ( shubh - ashubh ) jyotish ki nagar se

                                                            !! जय श्री गणेशाय !!
मनुष्य को जीवन में कई समस्याओ का सामना करना पढ़ता है , एवं इन समस्याओ के निवारण हेतु किसी ज्योतिष
के पास जाते है अथवा अपने किसी भी अच्छे कार्य ( लड़का लडकी के सम्बन्ध , भूमि खरीदने ) से निकलते समय शुभ अशुभ संकेत होते है अथवा घटना घटती है ! जिससे जिस कार्य से जा रहे हो , उसकी सफलता असफलता का अनुमान लगाया जाता है इस पर विचार शिक्षित अशिक्षित दोनों करते है !
                            देखे घर से निकलते समय ( शकुन ) शुभ घटना एवं ( अपशकुन ) अशुभ घटना का संकेत !
                                                                 शकुन ( शुभ ) घटना
१.      यदि आप किसी कार्य से जा रहे है तो आपके सामने सुहागन महिला अथवा गाय आ जाये तो कार्य में 
        सफलता मिलती है !
२.     जाते समय आप कपड़े पहन रहे है और जेब से पैसे गिरे तो धन प्राप्ति का संकेत है ! कपड़े उतारते समय भी
        ऐसा हो तो शुभ होता है !
३.     यदि आपके यहाँ सोकर उठते से ही कोई भीखरी मांगने आ जाय तो ये समझना चाहिये ! आपके द्वारा दिया
        गया पैसा ( उधारी ) वापस आ जायेगा ! ( बिना मांगे )
४.     आप सोकर उठे हो उसी समय नेवला आपको दिख जाये तो गुप्त धन मिलने कई सम्भावना रहती है !
५.     आप किसी कार्य से जा रहे हो तब आपके सामने कोई भी व्यक्ति गुड  ले जाता हुआ दिखे तो आशा से अधिक
        लाभ होता है ! 
६.     लड़की के लिए आप वर तलाश करने जा रहे हो तब घर से निकलते समय चार कुंवारी लड़कियाँ बातचीत
        करते मिल जाये तो शुभ योग होता है !
७.    यदि शरीर पर चिड़िया गंदगी कर दे , तो आपको समझना चाहिये आप दरिद्रता से दूर हो जाओगे !
                                   ये शुभ शकुन है इसी प्रकार अपशकुन होते है जानिये !
अपशकुन ( अशुभ ) विचार
१.      कार्य पर जाते समय यदि बिल्ली रास्ता काट जाये तो कार्य असम्भव होगा , आप घर वापस आकर या थोड़ा
         विश्राम कर आगे जाये तब कार्य सफल होगा !
२.      कार्य पर जाते समय कोई दुष्ट प्रक्रति वाला , व्यभिचारी अथवा अन्यायी ,व्यभिचरिणी सामने आ जाये तो
         कार्य सफल नही होता !
३.      शुभ कार्य के लिए विचार चल रह हो तब यदि छिपकली की आवाज सुनाई दे तो कार्य की असफलता
         होती है !
४.      घर में किसी देवता की मूर्ति अथवा चित्र टूट जाये तो म्रत्यु अथवा म्रत्यु समान कष्ट हो सकता है !
         निवारण के लिए राम रक्षा स्त्रोत अथवा दुर्गा की आराधना करे !
५.      यदि आपको तारे आकाश में डूबते दिखाई दे तो स्वास्थ्य ख़राब होने सूचना होती है !इसी के साथ नॉकरी
         में खतरा एवं आर्थिक तंगी आने लगती है !
६.      आपके घर उल्लू की चिल्लाने की आवाज आ रही हो तो भुत बाधा का डर रहता है अथवा अपनी बाधा
         से ग्रसित हो सकते है ! विशेषत स्त्री !
७.     कुत्ते का रोना अथवा श्रगाल के रोने से रिश्तेदार , अपने वाले या पड़ोसी , मुहल्ले में कष्ट ( मोंत ) की
        सम्भावना रहती है !
विशेष >    घर में उल्लू गिरे तो मान हानि , आयु हानि होती है ! जंगली कबूतर नही पाले अशुभ मन जाता है !
               इसकी शांति के लिए यज्ञ  पूजन अथवा जप करना चाहिए !
  

Thursday 25 November 2010

bhom ka kundli me pribrman

नों ग्रह कुंडली पर जब परिभ्रमण करते है , तो जातक को शुभ अशुभ फल देते है ! भोम चन्द्र कुंडली अनुसार
जब भ्रमण करता है!  तो प्रत्येक भाव (स्थान) पर अलग अलग फल देता है ! जानिये !
प्रथम भाव में  >   परिजनों से द्वेष कराता है! रोग , आर्थिक तंगी , राज्याधिकारी से कष्ट तथा आयु की कमी करता है !
दुसरे भाव में >     शत्रुओ को बढ़ाता है एवं  शत्रुओ से नुकसान कराता है ! अधिक खर्च , धन की कमी एवं मानसिक
                         परेशानी देता है !
तीसरे भाव में >   धनागमन कराता है एवं स्वास्थ्य में लाभ देता है ! इच्छाओ की पूर्ति कराता है  तथा मान सम्मान
                        में बढ़ोतरी कराता है ! भोतिक सुख बढ़ाता है !
चोथे भाव में >   परिवार एवं समाज में मान सम्मान में बढ़ोतरी कराता है ! परन्तु दुश्मनों की बढ़ोतरी एवं बीमारी
                        बढ़ाता है !
पाचवे भाव में >  कष्ट कारक होता है ! रोग के साथ हानि एवं रिश्तेदारों से कष्ट देता है !
छटवें भाव में >   शत्रुओ पर विजय दिलाता है एवं कार्य में सफलता देता है ! मान  सम्मान की वृद्धी कराता है !
                          धनागमन के रास्ते बनाता है एवं भोतिक सुख सुविधाए देता है !
सातवे भाव में >   पत्नी से कलह कराता है ! अनेक प्रकार के रोग एवं आर्थिक तंगी देता है ! मंगल सप्तम भाव
                         में रहने पर मित्रो से झगड़ा करवाता है ! सतर्क रह कर कार्य करे ! 
आठवे भाव में >   बीमारी के साथ कमजोरी देता है एवं धन की हानि देता है ! व्यापार कम होता है !
नवम भाव में >   अस्त्र शस्त्रों से चोट पहुचता है ! जब भोम नवम भाव में हो तो यात्रा भी कष्टप्रद होती है ! सम्मान
                         में कमी होती है ! धन की हानि होती है !नवम भाव के भ्रमण में भोम दुर्घटना करा सकता है
                        लेकिन १५ डिग्री पर रहने से शुभ फल देता है !
दसवे भाव में  >   प्रत्येक कार्य में असफलता देता है ! बीमारी देता है ! वाहन न चलाये अथवा बचे !
ग्यारवे भाव में >  आर्थिक सम्पन्नता देता है एवं जातक को जमीन जायदाद दिलाता है ! भोतिक सुख में व्रद्धी
                         कराता है !
बारवे भाव में >  खर्च में बढ़ोतरी के साथ परेशानी देता है ! पत्नी से झगड़े एवं मानसिक कष्ट देता है ! कभी दूसरी
                        ओरतो से भी कष्ट देता है ! रिश्तेदारों से मन मुटाव एवं सम्मान में कमी कराता है !
                                                              उपाय एवं निदान 
                          मंगल जब अशुभ फल दे तो सरलतम उपाय करे ! मंगलवार के दिन तांबा , स्वर्ण , केशर ,मूंगा,
 लाल वस्त्र , लाल चन्दन ,लाल फुल , गेंहू ,गूढ़ , घी , मसूर की दाल ये सभी वस्तुए सूर्योदय के समय या सूर्योदय के दो घंटे के बीच शिव मंदिर या पंडित को दान करे !
             इसी के साथ ॐ अंगारकाय  नमहा के ११००० हजार जाप कराए !

Tuesday 23 November 2010

fivar totke

मनुष्य हमेशा नई ऊर्जा के साथ जीना चाहता है ! जिससे वह हमेशा प्रसन्न रह सके ! एवं उन्नति के कदम चूमे नई
ऊर्जा , नई उमंग के लिए स्वस्थ रहना परम आवश्यक है ! प्रत्येक विद्वानों ने , डाक्टरों ने , पंडितो ने यही लिखा है , कहा
है की स्वस्थ्य व्यक्ति बिना परेशानी के अपना मन किसी भी उद्देश्य को पूर्ण करने में लगा सकता है !
                          हमारे यहा कहावत है > परम सुख निरोगी काया  !
निरोगी काया को रखने के लिए अपनाए कुछ टोटके ! क्योकि स्वस्थ शरीर में ही एक स्वस्थ आत्मा निवास करती है !
ज्वर ( बुखार ) नाशक टोटका  >  यदि आपका ज्वर सरे उपाय कर लेने के बाद भी ठीक नही हो रह हो , तो प्रभु पवन पुत्र हनुमानजी की शरण में जाये, क्योकि उन की क्रपा से रोग दूर हो जाते है !
                                                           नाशे रोग हरे सब पीड़ा 
अमावस्या या शनिवार के दिन सूर्यास्त के बाद हनुमानजी के मंदिर में जाकर प्रणाम करके उनके चरणों का सिंदूर
ले आये ! फिर ये मन्त्र को सात बार पढकर मरीज के मस्तिष्क पर लगा दे !
                                     मनोजवं मारुत्तुल्य्वेगम , जितेन्द्रिय बुद्धिमतां वरिष्ठम !
                                  वातात्मजं वानरयूथ मुख्यम , श्रीरामदूत शरणम प्रवध्ये !!
                                              ज्वर शीघ्र शांत हो जायेगा !

Monday 22 November 2010