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Thursday, 1 November 2012

कडवा चतुर्थी महिलाए राशि अनुसार कौनसी साड़ी पहने-

कडवा चतुर्थी महिलाए राशि अनुसार कौनसी साड़ी पहने-

कडवा चतुर्थी महिलाए राशि अनुसार कौनसी साड़ी पहने--------------
मेष --->मेष राशि वाली महिलाएँ गुलाबी रंग की साड़ी पहने एवं चंद्रमा के पूजन में गुलाब अवश्य चढ़ाये !
वृषभ --->वृषभ राशि वाली महिलाएँ पीले रंग की साड़ी पहने एवं चन्द्रमा के पूजन   में पिला फूल चढ़ाये !
मिथुन---->मिथुन राशि वाली महिलाएँ हरे रंग की साड़ी पहने एवं चंद्रमा के पूजन में आकड़े के फूल चढाये !
कर्क---->कर्क राशि वाली महिलाये लहरिया साड़ी पहने जिसमे वर्क हो,चंद्रमा के पूजन में सफेद फुल चढ़ाये
सिंह --->सिंह राशि वाली महिलाएँ लाल रंग की साड़ी पहने एवं चंद्रमा के पूजन में
लाल फुल चढ़ाये !
कन्या --->कन्या राशि वाली महिलएँ हरी लाइन वाली साड़ी पहने एवं पूजन में चावल अवश्य चढ़ाये !

तुला--->तुला राशि वाली महिलाएँ गुलाबी रंग की साड़ी जिसमे सफ़ेद धागे की कड़ाई हो पहने एवं पूजन में सफेद गुलाब चढ़ाये !
वृश्चिक --->वृश्चिक राशि वाली महिलाएँ सिंपल ( प्लेन ) साड़ी जिसमे लाल फूल की बनावट हो पहने एवं पूजन में कुकु लाल रंग का प्रयोग करे!
धनु----> धनु राशि वाली महिलाएँ ह्ल्की पीली साड़ी पहने एवं पूजन में पिला व् सफेद फूल चढ़ाए !
मकर---->मकर राशि वाली महिलाएँ कथाई रंग की साड़ी पहने एवं पूजन में आकड़े एवं गेंदे के फूल चढ़ाएं !
कुम्भ --कुम्भ राशि वाली महिलाएँ मेहरून रंग की साड़ी पहने एवं पूजन में लाल गुलाब व् सफेद फुल चढ़ाएं !
मीन -->मीन राशि वाली महिलाएँ नीले रंग की साड़ी पहने एवं पूजन में दुर्बा चढ़ाएं !
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Tuesday, 16 October 2012

कल का मुहुर्त,नौ रात्रि में राशि अनुसार किस देवी का पूजन करे


कल का मुहुर्त

कल का दिन आप के लिए सुखमय रहें !माँ भगवती की कृपा से आपके जीवन में उन्नति आये  !कल आप कुछ करने जा रहे है,तो रुकिए ये कार्य करने के पहले कुछ विचार करे एवं अच्छा समय देखे ,ये सब समझने के लिए हमारा कल का मुहुर्त कॉलम पढ़े !
अंग्रेजी माह -->अक्टुम्बर

अंग्रेजी तारीख --> 17
वार --बुधवार
शालिवाहन - सम्वंत- 2069
 शक सवंत--
1934
 सम्वत्वसर का नाम- विश्र्वावसु
अयन--दक्षिणायन
ऋतु--शरद
पक्ष--शुक्ल
तिथि-->दूज
हिजरी सन--1433
मुस्लिम माह--जिल्काद
तारीख--30
योग-- धूम्र   
करण--- कौलब 
चंद्रमा-तुला का रात्रि 12.09 से वृश्चिक का ! 
ग्रहयोग---नौरात्रि उत्सव !
दिन का पर्व---शरद नौरात्रि दूसरा दिन,देवी के दुसरे रूप ब्रम्हाचारणी देवी का पूजन  !
दिशा-शूल-उत्तर
मुहूर्त-व्यापार प्रारंभ मुहुर्त ,धार्मिक अनुष्ठान !
शुभ समय--सुबह 06.00 से 09.00, 10:30 से 12:00,शाम 04.30 से 06.00 तक!
 सुझाव-- कुत्ते को भोजन करने से व्यापार में उन्नति होती है!

नौ रात्रि में राशि अनुसार किस देवी का पूजन करे

 
 





ॐ जयन्ती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी !
दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा नमोस्तुते !!
सृष्टी( संसार ) की उत्पत्ति के समय से जन्म -मृत्यु,जरा-ब्याधि,लाभ-हानि का चक्र चला आ रहा है ! मनुष्य आपत्ति-विपत्ति के समय अपने इष्ट देवता,कुलदेवता,गुरु अथवा अपने पितृ देवता के शरण में जाता है!
     त्रिपुर सुंदरी, राज-राजेश्वरी, ममतामयी माँ दुर्गा देवी, जिनके नौ रूपों के अतिरिक्त भी अनन्य रूप है, इन रूपों में से किसी भी रूप की शरण में जा कर भक्त माँ की अराधना करता है,  तो माँ अवश्य अपने भक्त को शरण में लेकर उसके कष्टों को दूर कर देती है,अत:भक्त ( मनुष्य ) ने माँ के शरण में जाकर उनकी अराधना  करना चाहिए! नौ रात्रि में राशि अनुसार माँ के किस रूप की अराधना करनी चाहिए, देखे -----------

मेष---> मेष राशि वाले जातक "माँ मंगला देवि" की अराधना करे !
           ॐ मंगला देवी नम:का जाप करे !
वृषभ---> वृषभ राशि वाले जातक "माँ कात्यायनी" की अराधना करे!
                   ॐ  कात्यायनी नम: का जाप करे !
मिथुन ---> मिथुन राशि वाले जातक "माँ दुर्गा" की अराधना करे !
                  ॐ दुर्गाये नम: का जाप करे  !
कर्क-----> कर्क राशी वाले जातक "माँ शिवाधात्री" की अराधना करे !
                   ॐ शिवाय नम: का जाप करे !
सिंह-----> सिंह राशि वाले जातक "माँ भद्रकाली" की अराधना करे!
                   ॐ कालरुपीन्ये नम: का जाप करे !
कन्या----> कन्या राशि वाले जातक "माँ जयंती" की अराधना करे !
                    ॐ अम्बे नम: या "ॐ जगदम्बे नम:" का जाप करे !
तुला-------> तुला राशि वाले जातक माँ के "क्षमा रुप" की अराधना करे
                ॐ दुर्गादेव्यै नम: का जाप करे !
वृश्चिक -----> वृश्चिक राशी वाले जातक "माँ अम्बे" की अराधना करे !
                   ॐ अम्बिके नम: का जाप करे !
धनु---------> धनु राशि वाले जातक "माँ दुर्गा" की अराधना करे !
                 ॐ  दूं  दुर्गाये नम: का जाप करे !
मकर-----> मकर राशि वाले जातक माँ के "शक्ति रूप" की अराधना करे !
                  ॐ दैत्य -मर्दिनी  नम: का जाप करे !
 कुम्भ ------>कुम्भ राशि वाले जातक "माँ चामुण्डा" की अराधना करे !
                ॐ चामुण्डायै नम:का जाप करे !
मीन ------> मीन राशि वाले जातक "माँ तुलजा" की अराधना करे !
                 ॐ तुलजा देव्यै नम:का जाप करे !
इन सरलतम जाप से जो भी भक्त माँ भगवती की अराधना करता है,माँ उस भक्त की हर मनोकामना पूर्ण  करती है!

Monday, 15 October 2012

कल का दिन आप के लिए आनन्दमय रहें !माँ भगवती की कृपा से आपके जीवन में उन्नति आये  !कल आप कुछ करने जा रहे है,तो रुकिए ये कार्य करने के पहले कुछ विचार करे एवं अच्छा समय देखे ,ये सब समझने के लिए हमारा कल का मुहुर्त कॉलम पढ़े !
अंग्रेजी माह -->अक्टुम्बर

अंग्रेजी तारीख --> 16
वार --मंगलवार
शालिवाहन - सम्वंत- 2069
 शक सवंत--
1934
 सम्वत्वसर का नाम- विश्र्वावसु
अयन--दक्षिणायन
ऋतु--शरद
पक्ष--शुक्ल
तिथि-->एकम
हिजरी सन--1433
मुस्लिम माह--जिल्काद
तारीख--29
योग-- ध्वांश  
करण--- बव
चंद्रमा-तुला पुरे दिन 
ग्रहयोग---नौरात्रि
दिन का पर्व---शरद नौरात्रि प्रारंभ, देवी घट स्थापना दिवस !
दिशा-शूल-वायव्य
मुहूर्त-व्यापार प्रारंभ मुहुर्त,अग्न्याधान ,धार्मिक अनुष्ठान ,धान्य छेदन 
शुभ समय--सुबह 10:30 से 1:30 ,दोपहर 3:30 से 4 तक
  सुझाव-- चीटियों को बिस्किट का चुरा खिलाने से घर में खोई हुई सुख-सम्रद्धि वापस आती है !

Saturday, 13 October 2012

कल का मुहुर्त

कल का मुहुर्त


--->कल का दिन आप के लिए आनन्दमय रहें !कल आप कुछ करने जा रहे है,तो रुकिए ये कार्य करने के पहले कुछ विचार करे एवं अच्छा समय देखे ,ये सब समझने के लिए हमारा कल का मुहुर्त कॉलम पढ़े !
अंग्रेजी माह -->अक्टुम्बर

अंग्रेजी तारीख --> 14
वार -- शनिवार
शालिवाहन - सम्वंत- 2069
 शक सवंत--
1934
 सम्वत्वसर का नाम- विश्र्वावसु
अयन--दक्षिणायन
ऋतु--शरद
पक्ष--कृष्ण
तिथि--> चतुर्दशी ( चौदस )
हिजरी सन--1433
मुस्लिम माह--जिल्काद
तारीख--27
योग-- मित्र 
करण---विष्टि
चंद्रमा-कन्या का पुरे दिन
ग्रहयोग---श्राद्ध पक्ष  
दिन का पर्व---चतुर्दशी का श्राद्ध !
दिशा-शूल--पश्चिम
मुहूर्त--सर्वसिध्दी योग !
शुभ समय--सुबह 09.00 से 12.00,दोपहर 01.25 से03.00तक !
  सुझाव--घर मेंजल का स्थान अग्नि कोण में रहने से घर में आर्थिक परेशानी आती है !

Thursday, 11 October 2012

कल का मुहुर्त


कल का मुहुर्त

--->कल का दिन आप के लिए प्रगतिशील रहें !कल आप कुछ करने जा रहे है,मकान या सम्पदा लेने जा रहे है,तो रुकिए ये कार्य करने के पहले कुछ विचार करे एवं अच्छा समय देखे ,ये सब समझने के लिए हमारा कल का मुहुर्त कॉलम पढ़े !
अंग्रेजी माह -->अक्टुम्बर

अंग्रेजी तारीख --> 12
वार -- शुक्रवार
शालिवाहन - सम्वंत- 2069
 शक सवंत--
1934
 सम्वत्वसर का नाम- विश्र्वावसु
अयन--दक्षिणायन
ऋतु--शरद
पक्ष--कृष्ण
तिथि--> ध्दाद्शी ( बारस )
हिजरी सन--1433
मुस्लिम माह--जिल्काद
तारीख--25
योग-- सिध्द
करण--- तैतिल
चंद्रमा-- सिंह का चंद्रमा
ग्रहयोग---श्राद्ध पक्ष  
दिन का पर्व--- ध्दाद्शी का श्राद्ध,
दिशा-शूल--उत्तर
मुहूर्त-- कोई मुहुर्त नहीं !
शुभ समय--11.48 से 12.15 तक !
सुझाव--दो मकानों की मुख्य दीवाल एक दुसरे से लगी हुई नही होना चाहिए मालिक दुखी रहता है

चंद्र ने बनाया अमिताभ को सबका चहेता





अमिताभ का जन्म इलाहाबाद में प्रसिद्ध कवि हरिवंशराय बच्चन के यहां 11 अक्टूबर 1942 में हुआ, जब भारत गुलाम था। अमिताभ का जन्म जब हुआ, उस समय चंद्रमा तुला राशि पर परिभ्रमण कर रहा था। उसके प्रभाव के कारण ही अमिताभ अच्छी कद-काठी (लंबी हाइट) वाले है। कुंडली में बैठे चंद्र की स्थिति ने अमिताभ को आर्थिक सुख दिया एवं घर के प्रत्येक सदस्य का चहेता बनाया। चंद्र के कारण अमिताभ युवा अवस्था में लड़कियों के चहेते रहें।

कुंडली में सूर्य की स्थिति ने अमिताभ को दीर्घसूत्री बनाया। अमिताभ को जीवन में बहुत पराक्रम करना पड़ा, परंतु मंगल ने अपने कार्य के प्रति कृतज्ञ बनाया, इसी वजह से आज अमिताभ बच्चन इस मुकाम तक पहुंचे है। कुंडली में बुध की स्थिति ने अमिताभ के अन्य ग्रहों के कष्टों को भी खत्म किया, बुध के कारण ही अमिताभ दूसरों की सेवा और मदद करते रहें, परंतु स्वयं हमेशा रोगी रहें। मिथुन के बुध ने धनवान एवं बुद्धिमान बनाया।

अमिताभ के जन्म के समय गुरु कर्क राशि पर थे, जिसके कारण आज अमिताभ स्त्री, पुत्रादि तथा धन से संपन्न है। कुंडली में गुरु के प्रभाव के कारण ही अमिताभ आर्थिक और मानसिक सुखी है। इसी के साथ अपने पिता का नाम रोशन करने में सफल रहे एवं भोगी कम परोपकारी अधिक है। शुक्र ने भी अमिताभ को सुख दिया एवं अपने दर्शकों का हमेशा चहेते बनाएं रखा।


अमिताभ के जीवन में मनपसंद शादी (लव-मैरिज) के योग बने, यह योग कुंडली में बुध एवं शुक्र की स्थिति के कारण ही बना। शनि ने अमिताभ को तेज बुद्धि वाला एवं मृदु (मीठे) स्वभाव का बनाया।

शनि ने ही अमिताभ को राजनैतिक सुख प्रदान किया था। कुंडली में राहु की स्थिति के कारण पसली संबंधी ‍तकलीफ रही एवं बाद में भी हो सकती है। केतु भी आपको तकलीफ दे सकता है। अत: राहु-केतु की शांति कराना चाहिए।

अमिताभ का जन्म मंगल की महादशा में हुआ, जिसका भोग्यकाल 10 माह 14 दिन रहा। वर्तमान में बुध की महादशा चल रही है, जो 25.8.1996 से शुरू हुई एवं 25.8.2013 तक रहेगी। बुध की महादशा में 16.12.2010 शनि की अंतर्दशा चल रही है, जो की 25.8.2013 तक रहेगी। साथ ही केतु की महादशा 25.8.2013 से 25.8.2020 तक रहेगी।

अमिताभ के लिए नवंबर 2012 शुभ रहेगा, दिसंबर मध्यम रहेगा, जनवरी 2013 लाभप्रद रहेगा, फरवरी एवं मार्च स्वास्थ्य के लिए तकलीफदायक रहेगा, अप्रैल-मई सामान्य रहेगा, जून में बड़े प्रस्ताव आएंगे, जुलाई व अगस्त पुन: स्वास्थ्य के लिए तकलीफदायक रहेगा, सितंबर 2013 स्वास्थ्य में सुधार होगा एवं लाभप्रद रहेगा।

Wednesday, 10 October 2012

कल का मुहुर्त

कल का मुहुर्त

--->कल का दिन आप के लिए मंगलमय रहें !कल आप कालेज में प्रवेश लेने जा रहे है,जल सम्बन्धी कार्य करने जा रहे है,मकान या सम्पदा लेने जा रहे है,तो रुकिए ये कार्य करने के पहले कुछ विचार करे एवं अच्छा समय देखे ,ये सब समझने के लिए हमारा कल का मुहुर्त कॉलम पढ़े !
अंग्रेजी माह -->अक्टुम्बर

अंग्रेजी तारीख --> 11
वार -- गुरुवार
शालिवाहन - सम्वंत- 2069
 शक सवंत--
1934
 सम्वत्वसर का नाम- विश्र्वावसु
अयन--दक्षिणायन
ऋतु--शरद
पक्ष--कृष्ण
तिथि--> एकादशी 
हिजरी सन--1433
मुस्लिम माह--जिल्काद
तारीख--24
योग-- अमृत 
करण--- वव
चंद्रमा---11.50 कर्क का चंद्रमा 11,50 से सिंह का चंद्रमा  
ग्रहयोग---श्राद्ध पक्ष  
दिन का पर्व--- एकादशी का श्राद्ध,इंदिरा एकादशी व्रत !
दिशा-शूल--अग्नि
मुहूर्त-- विधा-आरंभ मुहुर्त,संपदाक्रय,कुपखनन,विजवोवानी मुहुर्त !
शुभ समय--प्रात:06 से 07 .30 ,10 .दोपहर 12.00 से 03.00 ,शाम 4 .30 से 06 शाम तक !
  सुझाव--घर में एकादशी के दिन चावल नही बनाना चाहिए !

रेखा को गुरु ने बनाया विख्यात

रेखा को गुरु ने बनाया विख्यात
रेखा : जन्मदिन की शुभकामनाएं


रेखा का जन्म 10 अक्टूबर 1954 को चेन्नई में हुआ। रेखा ने फिल्मों में अपने अभिनय को इतना जीवंत निभाया कि दर्शकों के चहेते बनते चले गए।

रेखा के जन्म समय में चन्द्र वृश्चिक राशि पर परिभ्रमण कर रहा था, जिसने रेखा को लोक विख्यात बनाया। कुंडली में चन्द्र की स्थिति के कारण रेखा ने अपने पराक्रम के द्वारा ख्याति एवं धन अर्जित किया। सूर्य ने रेखा को अच्छी उन्नति प्रदान की, परंतु कुंडली में मंगल की स्थिति ने रेखा को पारिवारिक सुख में कष्ट दिए अर्थात् रेखा अपनी गृहस्थी ठीक से नहीं निभा पाई।

मंगल ने रेखा को उग्र स्वभाव का भी बनाया। रेखा के जन्म समय में बुध कन्या राशि पर भ्रमण कर रहा था, जिसके प्रभाव से रेखा आर्थिक सुखी है। कुंडली में गुरु जिस भाव में बैठा है, उसके कारण आज रेखा यशस्वी, दार्शनिक, देश-विदेश में विख्यात है। गुरु ने भी रेखा को आर्थिक सुख प्रदान किया।

कुंडली में शुक्र की स्थिति ने रेखा को आर्थिक सुख तो प्रदान किया, परंतु कही-कही स्वजनों को बैरी भी बनाया। शनि स्वराशि में होने से रेखा ने फिल्मों में उच्च स्थान प्राप्त किया एवं उन्हें राजनिति में उच्च पद मिला। राहु एवं केतु कष्ट दे सकते हैं।

रेखा का जन्म शनि की महादशा में हुआ, जिसका भोग्यकाल 4 वर्ष 8 माह 7 दिन रहा। 17 जून 1993 से शुक्र की महादशा चल रही है जो 17 जून 2013 तक चलेगी। शुक्र की महादशा में 17 अप्रैल 2012 से केतु की अंतर्दशा चल रही है जो 17 जून 2013 को समाप्त होगी। शुक्र की महादशा समाप्त होने के बाद 17 जून 2013 से सूर्य की महादशा चलेगी, जिसकी अवधि 6 वर्ष रहेगी, अर्थात् 17 जून 2019 को समाप्त होगी।

नवंबर 2012 रेखा के लिए लाभप्रद रहेगा, दिसंबर सामान्य रहेगा। जनवरी 2013 तकलीफ वाला रहेगा, फरवरी एवं मार्च मध्यम रहेगा, अप्रैल ठीक रहेग, मई-जून कष्टप्रद हो सकता है, जुलाई धार्मिक आस्था वाला रहेगा, अगस्त सामान्य बीतेगा, सितंबर 2013 अच्छा रहेगा। रेखा ने पन्ना धारण करना चाहिए।

Tuesday, 9 October 2012

कल का मुहुर्त


कल का मुहुर्त --->कल का दिन आप के लिए प्रगतिशील रहें ! कल आप कुछ नया कार्य करने जा रहें है,कुछ लेने जा रहे है,तो रुकिए हर कार्य करने के पहले कुछ विचार करे एवं अच्छा समय देखे ,ये सब समझने के लिए हमारा कल का मुहुर्त कॉलम पढ़े !
अंग्रेजी माह -->अक्टुम्बर
अंग्रेजी तारीख --> 10
वार -- बुधवार
शालिवाहन - सम्वंत- 2069
 शक सवंत--
1934 photo
 सम्वत्वसर का नाम- विश्र्वावसु
अयन--दक्षिणायन
ऋतु--शरद
पक्ष--कृष्ण
तिथि--> दशमी 
हिजरी सन--1433
मुस्लिम माह--जिल्काद
तारीख--23
योग-- मातंग
करण--- वव
चंद्रमा---कर्क का चंद्रमा पुरे दिन   
ग्रहयोग---श्राद्ध पक्ष  
दिन का पर्व--- दशमी का श्राद्ध
दिशा-शूल--उत्तर
मुहूर्त-- पुरे दिन भद्रा
शुभ समय--प्रात:06 से 09 .00 ,10 .30 से 12 .00 दोपहर, 1 .30 ,दोपहर 3 ,4 .30 से 06 शाम तक !   
सुझाव--घर में मोरपंख रखने से नकारात्मक उर्जा घर में नही आती !  

Monday, 8 October 2012

कल का मुहुर्त

कल का मुहुर्त

कल का दिन आप के लिए मंगलमय रहें! आपके जीवन में कल उन्नति रूपी सूरज का प्रकश आये,कल आप यात्रा करने जा रहें है ,कुछ लेने जा रहे है ,मरीज को इलाज के लिए ले जा रहे हो ,पूंजी निवेश करने जा रहें है ,तो हमारा कल का मुहुर्त कॉलम पढकर जाए !
 कल का मुहुर्त ---> अंग्रेजी सन -->2012
अंग्रेजी माह -->अक्टुम्बर
अंग्रेजी तारीख --> 09
वार -- मंगलवार
शालिवाहन - सम्वंत- 2069
 शक सवंत--
1934
 सम्वत्वसर का नाम- विश्र्वावसु

अयन--दक्षिणायन
ऋतु--शरद
पक्ष--कृष्ण
तिथि--> नवमी 
हिजरी सन--1433
मुस्लिम माह--जिल्काद
तारीख--22
योग-- स्थिर
करण--- तैतिल
चंद्रमा---कर्क   
ग्रहयोग---श्राद्ध पक्ष  
दिन का पर्व--- नवमी का श्राद्ध 
दिशा-शूल--वायव्य
मुहूर्त--शल्य चिकित्सा ,यात्रा , पूंजी निवेश
शुभ समय--प्रात:10 .30 से दोपहर 1 .30 ,दोपहर 3 से 4 .30 तक   
सुझाव-- घर के मुख्य द्वार के सामने जूते-चप्पल रखने से नकारात्मक ऊर्जा घर में आती है! 

Saturday, 6 October 2012

कल का मुहूर्त


कल का दिन आप के लिए प्रगतिशील रहे ! आप कल कुछ लेने जा रहे है ,मरीज को इलाज के लिए ले जा रहे हो तो हमारा कल का मुहुर्त कॉलम पढकर जाए !
jain gahuli photo
 कल का मुहूर्त---> अंग्रेजी सन -->2012
अंग्रेजी माह -->अक्टुम्बर
अंग्रेजी तारीख --> 8
वार -- सोमवार 
शालिवाहन - सम्वंत- 2069
 शक सवंत--
1934
 सम्वत्वसर का नाम- विश्र्वावसु

अयन--दक्षिणायन
ऋतु--शरद
पक्ष--कृष्ण
तिथि--> अष्टमी
हिजरी सन--1433
मुस्लिम माह--जिल्काद
तारीख--21
योग-- काल
करण---वालब
चंद्रमा---मिथुन का रात्रि 2 :43 से कर्क का    
ग्रहयोग---श्राद्ध पक्ष  
दिन का पर्व--अष्टमी का श्राद्ध,महालक्ष्मी पूजन 
दिशा-शूल--पूर्व
मुहूर्त--शल्य चिकित्सा ,यात्रा
शुभ समय--प्रात:6 से 7 :30 , 9 से 10 :30 , दोपहर 3 से शाम 6 बजे तक   
सुझाव--श्राद्ध पक्ष में गाय, कुत्ते व कौए को भोजन खिलाने से पितृ प्रसन्न होते है !

कल का मुहुर्त

कल का मुहुर्त

कल का दिन आप के लिए प्रगतिशील रहे ! आप कल कुछ लेने जा रहे है ,मरीज को इलाज के लिए ले जा रहे हो तो हमारा कल का मुहुर्त कॉलम पढकर जाए !
 कल का मुहुर्त ---> अंग्रेजी सन -->2012
अंग्रेजी माह -->अक्टुम्बर
अंग्रेजी तारीख --> 7
शालिवाहन - सम्वंत- 2069
 शक सवंत--
1934
 सम्वत्वसर का नाम- विश्र्वावसु

अयन--दक्षिणायन
ऋतु--शरद
पक्ष--कृष्ण
तिथि--> सप्तमी
हिजरी सन--1433
मुस्लिम माह--जिल्काद
तारीख--20
योग--ध्वांक्ष
करण--बव
चंद्रमा---मिथुन पुरे दिन    
ग्रहयोग---श्राद्ध पक्ष (विविध दोष ) 
दिन का पर्व--सप्तमी का श्राद्ध
दिशा-शूल--पश्चिम
मुहूर्त--पूंजी निवेश, प्रसूति स्नान , वाटिका रोपण ,शल्य चिकित्सा
शुभ समय--प्रात:8 :55 से 11 :55 तक दोपहर 1 :30 से 3 तक  
सुझाव--श्राद्ध पक्ष में पितरो के लिए तर्पण देने से पितरो का आशीर्वाद मिलता है एवं कुल की वृद्धि होती है !

Friday, 5 October 2012

अक्टूम्बर २०१२ ज्योतिष की नजर से

-----> परिभ्रमण संसार के चक्र के शत से चल रहा है,परिवर्तन भी समय के साथ-साथ चलता रहता है,ये दोनों
न हो तो संसार रुक जाये! इस संसार में स्थरता आ जाये ! अक्टूम्बर २०१२ में ग्रहों का परिभ्रमण एवं उनका राशि परिवर्तन का संसार पर क्या
असर पड़ता है जानिये ---------------------
 
अक्टूम्बर २०१२ में पाँच मंगलवार पड़ रहें है,इसके प्रभाव से कहीं रक्तपात होगा तथा कहीं छत्रभंग होने का भय रहेगा! सूर्य का तुला राशि में परिभ्रमण करने से उत्तर के देशो में सुभिक्ष ( शुभ ) फल देगा,पश्चिम के देशो में युध्द आदि की सम्भावना से भय का वातावरण रहेगा,दक्षिन एवं पूर्व
के देशो में पीड़ा एवं अशांति रहेगी! मंगल का वृश्चिक राशि में परिभ्रमण करने से सभी द्रव्य महंगे होंगे तथा शासको में क्रोध की अधिकता होगी,
शासको एवं जनता में टकराव होगा ! बुध का तुला राशि में परिभ्रमण करने से क्लेश,कलह,अशांति एवं का वातावरण बनेगा! शुक्र का सिंह राशि में परिभ्रमण करने से सोने के भाव में फर्क आएगा  , शनि का प्रभाव सामान्य रहेगा! १७ अक्तुम्वर को सूर्य अपनी राशि परिवर्तन कर वृश्चिक राशि में प्रवेश करेगा जिसके प्रभाव से पश्चिम के देशो में सुख होगा,उत्तर एवं पूर्व के देशो में कष्ट तथा बालको को पीड़ा रहेगी,दक्षिन के देशो में युध्द का भय रहेगा! २४ अक्टूम्बर को बुध अपनी राशि परिवर्तन कर वृश्चिक राशि में प्रवेश करेगा! "बुधो वृश्चिक राशिस्थो सुभिक्षम तत्र धान्यानां लोकानां च शुभम भवेत् "!! अर्थात बुध का वृश्चिक राशि में परिभ्रमण करने से धान्य का सुभिक्ष होगा एवं लोंग सुखी होंगे एवं शांति होगी, घी, तेल के भाव में परिवर्तन आएगा! २३ अक्टूम्बर को शुक्र भी अपनी राशि परिवर्तन कर कन्या राशि में प्रवेश करेगा, शुक्र का कन्या राशि में परिभ्रमण करने से सभी धान्यो के भाव में परिवर्तन होगा,
इस मह की कुंडली को मौसम की द्रष्टि से देखे तो सूर्य के आगे बुध के होने से तेज वायु के साथ आंधी-तूफान की संभावना है! कुछ स्थानों में बादल के साथ छिटपुट बूंदाबांदी होगी! जम्मू-कश्मीर, हिमाचल-प्रदेश,हरियाणा,पंजाब,दि
ल्ली,राजस्थान,आसाम,गुजरात,उत्तरप्रदेश,मध्यप्रदेश,
उत्तराखंड में कुछ स्थानों में हलकी बूंदाबांदी होगी! ऋतु परिवर्तन के का अहसास होने लगेगा!

श्राध्दपक्ष में कैसे करें पितृ को प्रसन्न--

श्राध्दपक्ष में कैसे करें पितृ को प्रसन्न---> प्रत्येक मनुष्य की इच्छा रहती है कि वह एवं उसका परिवार सुखी एवं संपन्न रहें! मनुष्य ने अपनी इस इच्छा को पूरा करने के लिए देवता के साथ-साथ अपने पितरो का भी पूजन करना चाहिए! कैसे करे पितृ पूजन--------

यहाँ पर पाठको की सुबिधा के लिए संक्षिप्त में सरल हिंदी भाषा में पजन ( तर्पण ) बिधि दे रहें है!  ( तर्पण ही पत्र पजन है!)
सर्वप्रथम अपने पास शुध्द जल,बैठने का आसन ( कुशा का हो ),बड़ी थाली या ताम्रण ( ताम्बे कि प्लेट ), कच्चा दूध,गुलाब के फुल ,फुल-माला, कुशा ,सुपारी, जों,काली तिल,जनेऊ इत्यादी पास में रखे!
आसन पर बैठकर तीन बार आचमन करे ॐ केशवाय नम:,ॐ माधवाय नम:,ॐ गोविन्दाय नम: आचमन के बाद हाथ धोकर अपने उपर जल छिडके अर्थात पवित्र हो,फिर गायत्री मन्त्र से शिखा बाँधकर तिलक लगाकर कुशे की पवित्री (अंगूठी बनाकर) अनामिका ऊँगली में पहन कर हाथ में जल ,सुपारी,सिक्का,फूल लेकर निम्न संकल्प ले !
अपना नाम एवं गोत्र उच्चारण करे फिर बोले अध् श्रुतिस्मृतिपुराणोक्तफलप्राप्
त्यर्थ देवर्षिमनुष्यपितृतर्पणम करिष्ये! !
फिर थाली या ताम्रण में जल,कच्चा दूध,गुलाब की पंखुड़ी डाले,फिर हाथ में चावल लेकर देवता एवं ऋषियों का आवाहन करे! स्वयं पूर्व मुख करके बैठे,जनेऊ को सव्य रखे! कुशा के अग्र भाग को पूर्व की ओर रखे,देवतीर्थ से अर्थात दाये हाथ की अंगुलियों के अग्रभाग से तर्पण दे, इसी प्रकार ऋषियों को तर्पण दे!
फिर उत्तर मुख करके जनेऊ को कंठी करके ( माला जैसी ) पहने एवं पालकी लगाकर बैठे एवं दोनों हथेलियों के बीच से जल गिरकर दिव्य मनुष्य को तर्पण दे,
इसके बाद दक्षिन मुख बैठकर,जनेऊ को दाहिने कंधे पर रखकर बाएं हाथ के नीचे ले जाये, थाली या ताम्रण में काली तिल छोड़े
फिर काली तिल हाथ में लेकर अपने पितरो का आवाहन करे!
ॐ आगच्छन्तु मे पितर इमम ग्रहन्तु जलान्जलिम ;
फिर पितृ तीर्थ से अर्थात अंगूठे और तर्जनी के मध्य भाग से तर्पण दे !
१. अपने गोत्र का उच्चारण करे एवं पिता का नाम लेकर तीन बार उनको तर्पण दे !
२. अपने गोत्र का उच्चारण करे , दादाजी (पितामह) का नाम लेकर तीन बार उनको तर्पण दे !
३. अपने गोत्र का उच्चारण करे पिताजी के दादाजी(प्रपितामह) का नाम लेकर तीन बार उनको तर्पण दे !
४.अपने नाना के गोत्र का उच्चारण करे ,नाना का नाम लेकर उनको तीन बार तर्पण दे !
५. अपने नाना के गोत्र का उच्चारण करे नाना के पिताजी(परनाना) का नाम लेकर तीन बार तर्पण दे !
६. अपने नाना के गोत्र का उच्चारण करे नाना के दादा (वृद्ध परनाना ) का नाम लेकर तीन बार तर्पण दे !
७. अपने नाना के गोत्र का उच्चारण करे नानी का नाम लेकर तीन बार तर्पण दे  !
८. अपने नाना के गोत्र का उच्चारण करे नानाजी की माँ (परनानी )  का नाम लेकर तीन बार तर्पण दे !
९. अपने नाना के गोत्र का उच्चारण करे नानाजी की दादी (वृद्ध परनानी )  का नाम  लेकर तीन बार तर्पण दे !
१०.अपने गोत्र का उच्चारण करे अपनी दिवंगत (जो स्वर्गवासी हो ) पत्नी से लेकर परिवार के सभी दिवंगत सदस्य का नाम लेकर तीन-तीन बार -तर्पण दे ! परिवार के साथ -साथ दिवंगत बुआ, मामा, मौसी, मित्र,एवं गुरु को भी तर्पण दे !
विशेष-->जिनके नाम याद नही हो,तो रूद्र,विष्णु,एवं ब्रम्हा जी का नाम उच्चारण कर ले!
इसके बाद भगवान सूर्य को जल चदाये!  फिर कंडे पर गुड घी कि धूप दे, धूप के बाद पाँच भोग निकले जो  पंचबलीकहलाती है!
१. गाय के लिए सव्य होकर पत्ते प्र्भोग लगाकर गाय को दे,
२. स्वान (कुत्ते) के लिए जनेऊ को कंठी करके पत्ते पर भोग लगाकर कुत्ते को दे,
कौओं के लिए ( ककाब्ली ) असावी होकर पृथ्वी पर भोग ल लगाकर कौओं को दे,
४.( देवादिबली ) देवताओ के लिए सव्य होकर पत्ते पर बोग अतिथि को दे,
५.पिपीलिका के लिए सव्य होकर पत्ते पर भोग लगाकर पिपीलिका को दे,
इसके बाद  हाथ में जल लेकर ॐ विष्णवे नम: ॐ विष्णवे नम: ॐ विष्णवे नम: बोलकर ये कर्म भगवान विष्णु जी के चरणों में छोड़ दे!
इस कर्म से आपके पत्र बहुत प्रसन्न होंगे एवं आपके मनोरथ पूर्ण करेंगे!

Wednesday, 3 October 2012

अक्टूम्बर २०१२ ध्दादश राशियों का फलादेश-




अक्टूम्बर २०१२ में  ध्दादश राशियों का फलादेश----> मेष राशि वाले जातको के लिए यह माह सामान्य रहेंगा! स्त्री पक्ष की प्रधानता रहेंगी,रोगी व्यक्ति  को रोग से राहत  मिलेगी व्यापार सामान्य रहेगा,नौकरी में स्थान परिवर्तन के योग है,धार्मिक कार्य में विघ्न आयेंगे! विधार्थी को पढाई
में अडचन आएगी! दि . १०,१५ शुभ है,४ अशुभ है!  गायत्री मंत्र के जाप लाभदायक है!
वृषभ-->वृषभ राशि वाले जातको के लिए यह माह भूमि-वाहन के लाभ वाला रहेगा! व्यापारी वर्ग को लाभ मिलेगा,नौकरी में उन्नति होगी, कृषि सामान्य लाभ देगी! शारीरिक कष्ट के योग है ध्यान रखे! पुराने विवाद में व्यय होगा,किसी मित्र से सहयोग प्राप्त करे लाभ मिलेगा ! दि.६,१८ शुभ है,
१४ अशुभ है! राधाकृष्ण की आराधना शुभ है!     
मिथुन-->मिथुन राशि वाले जातको के लिए यह माह आध्यात्मिक तरक्की वाला रहेगा! न्यायिक कार्यों में सफलता मिलेगी,परिवार से पूर्ण सहयोग
मिलेगा! व्यापार ठीक रहेगा, कृषि में भी अच्छा लाभ मिलेगा,नौकरी में अधिकारी खुश रहेंगे! दि.७,२१ शुभ है, ५ अशुभ है! श्री गणेश आराधना शुभ
है!
कर्क-->कर्क राशि वाले जातको के लिए यह माह मिश्रित फल वाला रहेगा! शत्रु पक्ष परास्त होंगे,व्यापार सामान्य रहेगा, कृषि मध्यम लाभ देगी,
नौकरी में मानसिक व्यग्रता बनी रहेगी, माता के पक्ष से सुख प्राप्त होगा,संतान की चिंता रहेगी! दि.१०,२४ शुभ है,३ अशुभ है! श्री सीताराम की सेवा
लाभप्रद है!
सिंह-->सिंह राशि वाले जातको के लिए यह माह सुख वाला रहेगा! माता से लाभ मिलेगा,कार्य की स्थिति उत्तम रहेगी, कृषि लाभ देगी, नौकरी में अधिकारी खुश रहेंगे! राजनैतिक स्थिति में सुधार होगा एवं लाभ मिलेगा! दि.२,१४ शुभ है,
कन्या-->कन्या राशि वाले जातको के लिए यह माह स्थान-परिवर्तन वाला रहेगा! विधार्थी को लाभ मिलेगा,इस माह परिश्रम अधिक रहेगा,नौकरी
में उन्नति होगी,कृषि कार्य में लाभ मिलेगा, स्वास्थ्य में सुधार होगा, व्यापार में लाभ मिलेगा, कृषि लाभ देगी! दि.२,१८ शुभ है,२० अशुभ है!
राधाकृष्ण की सेवा लाभप्रद है!
तुला-->तुला राशि वाले जातको के लिए यह माह मांगलिक कार्य वाला रहेगा! शत्रु पक्ष परास्त होगा,व्यापार में उन्नति होगी,नौकरी में अधिकारी
नाराज हो सकते है ध्यान दे, स्त्री को पीड़ा रहेगी, पारिवारिक तनाव रहेगा! दि.१५,२४ शुभ है, ३० अशुभ है! गायत्री मंत्र लाभदायक है!
वृश्चिक-->वृश्चिक राशि वाले जातको के लिए यह माह कष्ट-प्रद हो सकता है! व्यर्थ खर्च होगा, व्यापार में हानि हो सकती है,नौकरी में परेशानी आएगी, वाहन से हानि के योग बनते है! सहयोग में कमी आएगी, दि.६,२१ अशुभ है,५ अशुभ है! सीता राम की सेवा लाभप्रद है!
धनु-->धनु राशि वाले जातको के लिए यह विशेष कार्य में सफलता वाला रहेगा!नौकरी में उच्चपद प्राप्त होगा,राजनैतिक लाभ मिलेगा,व्यापार में लाभ मिलेगा, कृषि ठीक रहेगी,नौकरी में उन्नति रहेगी,स्वास्थ्य का ध्यान रखे दि.३,१५ शुभ है,७अशुभ है श्री राम सेवा लाभप्रद है!
मकर-->मकर राशि वाले जातको के लिए यह माह मुकदमे में सफलता वाला रहेगा! व्यापार में उन्नति होगी,माता को पीड़ा रहेगी, नौकरी में ध्यान दे, घर में मांगलिक कार्य होन्ग,परन्तु पारिवारिक बिरोध होगा, दि.६,९ शभ है,१९ अशुभ है! शिव आराधना शुभ है!
कुम्भ -->कुम्भ राशि वाले जातको के लिए यह माह मिश्रित फल वाला रहेगा! मांगलिक कार्य होगा,परिश्रम अधिक करना पड़ेगा, व्यापार सामान्य रहेगा, नौकरी में तकलीफ आएगी,कृषि घटा देगी,न्यायिक मुकदमो में सफलता मिलेगी दि.५.१० शुभ है,३ अशुभ है! गायत्री आराधना शुभ है!
मीन-->मीन राशि वाले जातको के लिए यह माह शारीरिक,मानसिक पीड़ा वाला रहेगा! वाहन यात्रा में नुकशान हो सकता है,स्वजनों से विरोध का सामना करना पड़ सकता है,व्यापार में सही लाभ नही मिलेगा,कृषि में नुकसान होगा,दि.४,१२ शुभ है, १६ अशुभ है! देवी जी की आराधना लाभप्रद रहेगी!





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Friday, 14 September 2012

बारह राशियों पर शनि का प्रभाव

बारह राशियों पर शनि का प्रभाव


Shani dev

जैसे कुछ ग्रहों के साथ शनिदेव शुभ होते हैं और कुछ के साथ अशुभ फलदायी, उसी प्रकार 12 राशियों में से कुछ में शनि लाभदायक तो कुछ में हानिकारक होते हैं। जिन जातक को शनि की साढ़ेसाती व ढैया का प्रभाव है। जानिए, आपकी कुंडली में शनि किस राशि में हैं और यह आपको किस प्रकार से प्रभावित करेंगे :-

मेष राशि :
राशिचक्र में सबसे पहला स्थान मेष राशि का है। इस राशि में शनि नीच का होता है। शनि नीच होने से यह अशुभ फलदायी होता है। इस राशि शनि की स्थिति से व्यक्ति में आत्मविश्वास की कमी होती है। इस राशि में जिनके शनि होता है शनि उन्हें हठी और क्रोधी बनाता है। यह व्यक्ति को बुरी आदतों की ओर ले जाता है। मेष राशि में जब शनि की महादशा चलती है उस समय रिश्तेदारों एवं मित्रों के साथ विरोध उत्पन्न होता है। इस समय संबंधों में दूरियां भी बढ़ जाती हैं।

वृषभ राशि :
वृष राशि राशिचक्र में दूसरी राशि है। जिस व्यक्ति की कुंडली में शनि इस राशि में होता है वह व्यक्ति असत्य भाषण करने वाला होता है। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार ऐसा व्यक्ति विश्वासपात्र नहीं होता यह अपने स्वार्थ के लिए किसी को धोखा दे सकता है। यह काफी चतुर और शक्तिशाली होता है। काम की भावना इनमें अधिक रहती है।

मिथुन राशि :
मिथुन तीसरी राशि है। इस राशि में शनि का होने पर यह व्यक्ति को दुःसाहसी बनाता है। व्यक्ति चतुर और धूर्त प्रकृति का होता है। राजनीति एवं कुटनीतिक क्षेत्र में इन्हें विशेष सफलता मिलती है। इनमें दया और सद्भावना की कमी होती है। संतान की दृष्टि से यह स्थिति बहुत अच्छी नहीं होती है, क्योंकि यह अल्प संतान का योग निर्मित करता है। साहित्य, संगीत एवं सौन्दर्य के प्रति व्यक्ति में विशेष लगाव रहता है।

कर्क राशि :
राशि चक्र की चौथी राशि है कर्क राशि। जिस व्यक्ति की कुंडली में चतुर्थ भाव में शनि होता है वह व्यक्ति जिद्दी और दूसरों से ईर्ष्या करने वाला होता है। स्वार्थ की भावना इनमें प्रबल रहती है। मातृ पक्ष से इन्हें सुख की कमी महसूस होती है। जब शनि की महादशा कर्क राशि में होती है उस समय इन्हें विशेष कष्ट होता है। शनि की महादशा में पारिवारिक जीवन में उथल-पुथल, मानसिक अशांति, अस्वस्थता मिलती है।

सिंह राशि :
सिंह राशि राशि चक्र में पांचवीं राशि है। इस राशि में शनि के होने से शनि व्यक्ति को गंभीर और चिंतनशील बनाता है। व्यक्ति अपने कार्य में निपुण और परिश्रमी होता है। इस राशि में शनि से प्रभावित व्यक्ति अपनी बातों पर अडिग रहने वाला होता है। गोचर में इस राशि में जब शनि की महादशा चलती है, उस समय इन्हें अत्यधिक परिश्रम करना होता है। अनावश्यक रूप से धन की हानि होती है और मन में निराशात्मक विचार आते रहते हैं।

कन्या राशि :

Shani dev

जिनकी कुंडली में कन्या राशि में शनि होता है वे परोपकारी और गुणवान होते हैं। इस राशि में जिनके शनि होता है वे धनवान और शक्तिशाली होते हैं। कम बोलने वाले और लेखन एवं गंभीर विषयों में रुचि रखने वाले होते हैं। ये सामाजिक कार्यों में शामिल रहते हैं। पारंपारिकता एवं पुराने विचारों में यकीन रखने वाले होते हैं। इस राशि में शनि की महादशा में इन्हें यश और लाभ मिलता है।

तुला राशि :
तुला राशि में शनि उत्तम फल देने वाला होता है। यह व्यक्ति को स्वाभिमानी, महत्वाकांक्षी और भाषण कला में निपुण बनाता है। यह व्यक्ति को स्वतंत्र विचारों वाला और चतुर बनाता है। आर्थिक रूप से मजबूत और कुशल मानसिक क्षमता प्रदान करता है।

वृश्चिक राशि :
शनिदेव जिनकी कुंडली में वृश्चिक राशि में होते हैं वह व्यक्ति जोशीला और क्रोधी होता है। इनमें अभिमान और वैराग्य की भावना रहती है। इनका स्वभाव गंभीर और ईष्यालु होता है। इस राशि में शनि की महादशा जब चलती है तब आर्थिक क्षति और मान-सम्मान की हानि होती है।

धनु राशि :
राशिचक्र में शनि का स्थान नवम है। इस राशि में शनि होने पर यह व्यक्ति को व्यावहारिक और ज्ञानवान बनाता है। व्यक्ति परिश्रमी और नेक विचारों वाला होता है। चतुराई और अक्लमंदी से काम करने वाला एवं दूसरों के उपकार को मानने वाला होता है। इस राशि में जब शनि की महादशा चलती है उस समय व्यक्ति को सुख और उत्तम फल प्राप्त होता है। शिक्षा के क्षेत्र में महादशा के दौरान सफलता मिलती है।

मकर राशि :
राशि चक्र की दसवीं राशि यानी मकर राशि में शनि व्यक्ति को परिश्रमी और ईश्वर के प्रति आस्थावान बनाता है। कारोबार में प्रगति, आर्थिक लाभ, जमीन जायदाद का लाभ यह शनि दिलाता है। शनि इनकी प्रकृति शंकालु बनाता है। लालच और स्वार्थ की भावना भी इनके अंदर रहती है।

कुंभ राशि :
जिनकी कुंडली में शनि एकादश भाव यानी कुंभ राशि में होता है वह व्यक्ति अहंकारी होता है। आर्थिक रूप से सामान्य रहते हैं। कूटनीतिक क्षेत्र में सफल और बुद्धिमान होते हैं। नेत्र रोग से पीडि़त होते हैं। व्यवहार कुशल और भाग्य के धनी होते हैं।

मीन राशि :
मीन राशिचक्र की 12वीं राशि है। मीन राशि में शनि स्थित होने पर यह व्यक्ति को गंभीर बनाता है। व्यक्ति दूसरों से ईर्ष्या रखने वाला व महत्वाकांक्षी होता है। इस राशि में शनि के होने पर व्यक्ति उदार और समाज में प्रतिष्ठित होता है। शनि इनकी आर्थिक स्थिति भी सामान्य बनाए रखता है।

तिलक क्यों लगाना चाहिए ?



तिलक क्यों लगाना चाहिए ?

तिलक क्यों लगाना चाहिए ?

भारतीय संस्कृति में प्रत्येक मनुष्य अपने धर्म को बड़े विस्वास एवं आस्था के साथ निभाता है! हिन्दू पूजा करते समय या कहीं जाते समय अवस्य तिलक लगता है! महिलाये भी सुहाग के प्रतीक चिन्ह हेतु तिलक लगाती है! महिलाये लाल तिलक ही लगाती है क्योकि पति जाते समय उस तिलक को देखकर जाता है, जो सूर्य की लालिमा का प्रतीक होता है,एवं तिलक को देखकर पति को ये प्रेरणा मिलती है कि आज का दिन सूर्य कि लालिमा जैसा ( सुखमय ) रहें! एवं हर मांगलिक कार्य,शादी-विवाह,धार्मिक आयोजन,सामाजिक आयोजन में व्यक्ति तिलक लगाकर जाता है !
किसी आयोजन में आने वाले व्यक्ति का स्वागत-सत्कार हम तिलक लगाकर ही करते है! विशेषकर शादी-विवाह में बहन-बेटी या सुहागन आने वाले प्रत्येक व्यक्ति का स्वागत तिलक लगाकर करती है! विशेषकर यह प्रथा मध्यप्रदेश में मालवा एवं निमाड़ में यह प्रथा आज भी है!



तिलक मस्तक पर दोनों भौंहों के बीच नासिका के ऊपर प्रारंभिक स्थल पर लगाए जाते हैं जो हमारे चिंतन-मनन का स्थान है- यह चेतन-अवचेतन अवस्था में भी जागृत एवं सक्रिय रहता है, इसे आज्ञा-चक्र भी कहते हैं।

पारिवारिक शांति एवं सुख सुबिधा के उपाय



पारिवारिक शांति एवं सुख सुबिधा के उपाय

पारिवारिक शांति एवं सुख सुबिधा के उपाय --> प्रत्येक व्यक्ति को सुखमय जीवन जीने की हरपल कामना रहती है! इस कामना को पूर्ण करने

          
के लिए मनुष्य नाना प्रकार के उपाय करता है,कई बार तो अपने जीवन से निराश हो जाता है एवं ज्योतिषियों के पास जाता है,अथवा तंत्र-मंत्र
के चक्कर में आकर अपना जीवन बर्वाद कर लेते है! अपने जीवन को सुखमय बनाने के लिए हर दिन व्यक्ति घर से निकलते समय ये सरल उपाय कर सकता है--------
सोमवार -> इस दिन  लाइनिंग या चौकड़ी ( चेक्स ) वाला वस्त्र  पहने एवं कांच में अपना चेहरा देखकर घर से निकले!!       
मंगलवार---> मंगलवार के दिन लाल या गुलाबी वस्त्र पहने एवं घर से  गुड खाकर निकले !
बुधवार--. बुधवार के दिन पीला वस्त्र पहने एवं घर से धनिया खाकर निकले !
गुरुवार--> गुरुवार के दिन सफ़ेद वस्त्र पहने एवं घर से जीरा खाकर निकले!
शुक्रवार--> शुक्रवार के दिन सफेद या हल्का पीला वस्त्र पहने एवं घर से दही खाकर निकले!
शनिवार--> शनिवार के दिन काला वस्त्र पहने एवं घर से अदरक खाकर निकले!
रविवार--> रविवार के दिन नीला वस्त्र पहने एवं घर से पान या घी खाकर निकले !
उपरोक्त उपाय के साथ-साथ अपने गुरु,कुलदेव एवं इष्टदेव का स्मरण करके घर से निकले आपके कार्य अवश्य पूर्ण होंगे!

Tuesday, 4 September 2012

सितम्बर २०१२ ज्योतिष की नजर से -->
 
सितम्बर में ग्रहों का राशियों पर परिभ्रमण एवं उनका प्रकृति पर प्रभाव क्या होता है,जानिये!
सूर्य का परिभ्रमण पूर्व के देशो में सुख प्रदान करेगा,दक्षिन एवं पश्चिम के देशो में घटना- दुर्घटना बनी रहेगी,उत्तर के देशो में युध्द का भय बना रहेगा! मंगल के तुला राशि पर परिभ्रमण से सभी धान्य महंगे होंगे,एवं उड़द,मुंग,सूत,कपास आदि वस्तु विशेष महंगी होंगे ! बुध के परिभ्रमण से धन्यो के भाव में स्थितरता आएगी,शुक्र के परिभ्रमण से धान्यो के सस्ते होने की संभावना है,शनि के कारण देश में राजनैतिक लोगो पर विपत्ति आएगी,१८ सितम्बर को सूर्य का राशि परिवर्तन करके कन्या राशि में भ्रमण करने से दक्षिन क देशो में सुख आएगा,पश्चिम एवं उत्तर के देशो में अशांति,पीड़ा रहेगी! पूर्व के देशो में संकट का वातावरण रहेगा! १५ सितम्बर को बुध का सिंह राशि से कन्या राशि में प्रवेश करने से सोने एवं शक्कर के व्यापारियों
को लाभ मिलेगा, इनके भाव में तेजी आएगी! शुक्र का राशि बदलकर सिंह राशि में परिभ्रमण करने से स्वर्ण,लाल वस्तुए,पशु के भाव के साथ-साथ
धान्य के भी भाव बढेंगे! परन्तु वर्षा कम होगी!
इस माह की कुंडली को आकाशीय द्रष्टि से देखे तो, सूर्य-बुध के साथ में रहने से कहीं अच्छी कही कम वर्षा होंगी,शुक्र के कारण खंड एवं कही कम वर्षा होंगी,दिल्ली,राजस्थान,हरियाणा,
उ.प्र.,उत्तराखंड,गुजरात,उड़ीसा,कर्णाटक,गोवा,आसाम,पंजाब,हिमाचल में कही अच्छी कही खंड वर्षा होंगी!

सितम्वर २०१२ में ध्दाद्श राशियों का फलादेश-->



मेष--> मेष राशि वाले जातको के लिए यह माह स्थान-परिवर्तन वाला हो सकता है! कृषि कार्य में मध्यम लाभ मिलेगा,व्यापार में परेशानी आ सकती है,सहयोग में कमी रहेगी,मेहनत अधिक आय कम रहेगी,यात्रा में परेशानी आ सकती है,अत:
जरुरी कार्य आने पर ही यात्रा करे! मित्र से सहयोग मिलेगा! दि.२,१६ हुभ है,५,१३ अशुभ है! श्री कृष्ण-आराधना लाभप्रद है!
वृषभ--> वृषभ राशि वाले जातको के लिए यह माह क़ानूनी ( न्यायलय सम्बन्धी ) लाभ वाला रहेगा!पारिवारिक सुख में वृध्दि होगी,स्वास्थ्य सम्बन्धी परेशानी आ सकती है,कृषि लाभप्रद रहेगी,व्यापार मध्यम रहेगा,नोकरी में अधिकारी खुश रहेंगे! किसी अनजान से दोस्ती न करे! दि.६.१२
शुभ है,२३ अशुभ है! श्री गणेश आराधना लाभप्रद है!
मिथुन--> मिथुन राशि वाले जातको के लिए यह माह मिश्रित फल वाला रहेगा! नोकरी में उन्नति होगी,व्यापार सामान्य रहेगा,कृषि सामान्य लाभ देगी,विधार्थी को तकलीफ का सामना करना पड़ेगा! व्यर्थ कार्यों पर धन व्यय होगा! अचानक हानि के योग है! पुराने मित्र से अनवन के योग है ध्यान
रखे! दि. ६,२५ शुभ है, १७ अशुभ है! गुरु आराधना करना लाभप्रद रहेगा!
कर्क-->कर्क राशि वाले जातको के लिए यह माह मांगलिक कार्य वाला रहेगा! विद्यार्थी के लिए कष्टप्रद रहेगा ,माता को कष्ट रहेगा ! भूमि सम्बंधित हानि होगी ! आय कम खर्च अधिक रहेगा, अचानक सामजिक यात्रा के योग बनेंगे! इस माह किसी अनजान से दोस्ती के योग है, अत:  सोचकर करे, उससे हानि हो सकती है! दि.७,१५ शुभ है, ४ अशुभ है! श्री शिव जी की आराधना लाभप्रद रहेगी!
सिंह-->सिंह राशि वाले जातको के लिए यह माह व्यापार वृध्दि वाला रहेगा!. विद्यार्थियों को लाभ मिलेगा ! कृषि में उन्नति रहेगी ! भाई  से सहयोग मिलेगा! नॉकरी में अधिकारी खुश रहेंगे, स्त्री को कष्ट हो सकता है , ससुराल से परेशानी हो सकती है! दि:११,२२ शुभ है ,१७ अशुभ है! गणेश जी की आराधना लाभप्रद है !
कन्या-->कन्या राशि वाले जातको के लिए यह माह यात्रा में लाभ वाला रहेगा! स्थान-परिवर्तन के योग है.इससे लाभ मिलेगा! संतान की उन्नति होगी! स्वयं पर खर्च अधिक होगा! कृषि लाभप्रद रहेगी! नॉकरी में अड़चन रहेगी! मित्र द्वारा ख़ुशी प्राप्त होगी! राजनेतिक कार्य में लाभ होगा! दि:१८,२७ शुभ है, २४ अशुभ है! गणेश,गौरी की आराधना करे !
तुला--> तुला राशि वाले जातको के लिए यह माह आर्थिक उन्नति वाला रहेगा! व्यापार में वृध्दि होगी, कृषि अच्छा लाभ देगी! नॉकरी में अधिकारी नाराज हो सकते हे, ध्यान रखे! पुराने मित्र से मनमुटाव के योग है! क़ानूनी उलझन से बचे ! माता-पिता को कष्ट रहेगा! दि:३,१२ लाभप्रद है ७ अशुभ है! राधा-कृष्ण आराधना लाभप्रद है !
वृश्चिक--> वृश्चिक राशि वाले जातको के लिए यह माह व्यापार लाभ वाला रहेगा! कृषि मध्यम रहेगी! नौकरी में उन्नति होगी! संतान चिंता रहेगी! मानसिक परेशानी रहेगी! स्त्री द्वारा सहयोग प्राप्त होगा! पारिवारिक क्लेश रहेगा! मित्र से सहयोग प्राप्त होगा! धार्मिक यात्रा के योग है! दि. १,२५ शुभ है,8 अशुभ है! श्री कृष्ण आराधना लाभप्रद है!
धनु--> धनु राशि वाले जातको के लिए यह माह व्यापार वृध्दि वाला रहेगा! कृषि मध्यम रहेगी, नौकरी में उन्नति होगी,स्त्री को कष्ट रहेगा,माता-पिता को कष्ट रहेगा! विधार्थी को सफलता में तकलीफ आएगी,मित्र से सहयोग प्राप्त होगा! शुभ समाचार प्राप्त होंगे! दि.९.१८ शुभ है,३ अशुभ है! श्री-राम स्तुति लाभप्रद है!
मकर--> मकर राशि वाले जातको के लिए यह माह लाभ वाला रहेगा! भूमि सम्बन्धी विवाद  हल (निपटारा ) होगा! व्यापार अच्छा रहेगा,कृषि लाभ देगी, नौकरी में उन्नति होगी,सन्तान से चिंता रहेगी,भाई से सहयोग प्राप्त होगा! अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखे,मित्र सहयोग मिलेगा! दि. ३, १५ शुभ है,१९ अशुभ है! शिव आराधना लाभप्रद है!
कुम्भ--> कुम्भ राशि वाले जातको के लिए यह माह धार्मिक वाला रहेगा! कृषि लाभप्रद रहेगी,नौकरी में तकलीफ आएगी,माता-पिता से बिरोध
के योग है,परन्तु अचानक लाभ के योग है! वेरोजगार को नौकरी मिलगी! सन्तान से ख़ुशी प्राप्त होगी! दि. ६,१८ शुभ है,५ अशुभ है! गणेश आराधना लाभप्रद है!
मीन-->मीन राशि वाले जातको के लिए जातको के लिए यह माह सामान्य रहेगा! व्यापार ठीक रहेगा, कृषि सामान्य लाभ देगी,नौकरी में अधिकारी खुश रहेंगे! प्रवास में पीड़ा रहेगी, स्वास्थ्य ख़राब रहेगा, शत्रु भय बना रहेगा! बहन को कष्ट के योग है,पत्नी से सहयोग प्राप्त होंगा! दि.१४,२६ शुभ है,१३ अशुभ है! श्री राधा-कृष्ण की आराधना लाभप्रद है! 

Saturday, 4 August 2012

अगस्त २०१२ ज्योतिष की नजर से



अगस्त २०१२ ज्योतिष की नजर से






अगस्त २०१२ ज्योतिष की नजर से -->इस माह में पाँच गुरुवार होने से देश में विग्रह,अशांति होने का भय है! इस मास में पाँच शुक्र भी है, इसके फलस्वरूप कुछ भागो में सुख-शांति एवं कुछ भांगो में भूकंम्प आदि प्राकृतिक प्रकोंपो से लोगो को कष्ट,ईशान देश का भंग,अन्न के भावो में तेजी तथा अग्नि का भय होगा! अगस्त माह में ग्रहों के परिभ्रमण पर द्रष्टि डाले, तो सूर्य चन्द्र की राशि कर्क में भ्रमण करने से उत्तर के देशो में सुख एवं प्रसन्नता रहेगी,पूर्व तथा दक्षिन के देशो में अशांति रहेगी,पश्चिम के देशो में युध्द आदि का भय रहेगा! मंगल के परिभ्रमण से लाल वस्तु का भाव तेज बना रहेगा इसी के साथ कपड़े के भाव में तेजी आएगी.बुध के कारण प्रजा को कष्ट रहेगा,शुक्र के बुध की राशि मिथुन पर परिभ्रमण करने से गेंहू,चावल,चने के भाव में विशेष तेजी आएगी.शनि का मिश्रित प्रभाव रहेगा. अगस्त मध्य में सूर्य का राशि परिवर्तन कर सिंह राशि में प्रवेश करने से पूर्व के देशो में शांति आएगी,उत्तर के देशो में युध्द आदि का भय रहेगा,दक्षिन एवं पश्चिम के देशो में दुर्भिक्ष का भय रहेगा!  १६ अगस्त को मंगल का स्वाती नक्षत्र में प्रवेश---------------------------------------------------------------------------------------------------------------

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करने से अनावृष्टि के योग बनेंगे.बुध २९ अगस्त को अपनी राशि परिवर्तन कर सिंह राशि में प्रवेश कर रहेगा, इसके परिणाम स्वरूप सूत,कपड़े,रुई,
देवदारु,चाँदी,सोना आदि के भाव में तेजी रहेगी! खांड,शक्कर,एवं कपूर के भाव हल्के कम होंगे!
इस माह की कुंडली को आकाशीय हलचल की द्रष्टि से देखे,तो अधिकांश भागों में ठीक वर्षा होगी! दिल्ली,हरियाणा,उत्तरप्रदेश,राजस्थान,बिहार,झारखंड,छत्तीसगढ़,मध्यप्रदेश,उत्तराखंड,में कही सामान्य कहीं तेज वर्षा होगी!

अगस्त २०१२ में ध्दाद्श राशियों का फलादेश-





अगस्त २०१२ में ध्दाद्श राशियों का फलादेश--> मेष--.मेष राशि वाले जातको के लिए यह माह सन्तान की सफलता वाला रहेगा! स्वास्थ्य पर
खर्च होंगा,पत्नी एवं ससुराल पक्ष पर भी खर्च होगा,व्यापार मध्यम रहेगा,कृषि में हानि हो सकती है,किसी कार्य को लेकर उलझन में पड़ सकते है,
सावधानी से काम करे! नॉकरी में उन्नति होगी! दि.२,७ शुभ है,१५ अशुभ है! कृष्ण भक्ति लाभप्रद है!
वृषभ--> वृषभ राशि वाले जातको के लिए यह माह शत्रु पर विजय प्राप्ति वाला रहेगा! शैक्षिक कार्य पर विशेष खर्च होंगा,शारीरिक पीड़ा रहेगी,स्त्री पक्ष से विरोध हो सकता है,यात्रा आवश्यक को तो ही करे हानि के योग है! व्यापार अच्छा रहेगा,नॉकरी में अधिकारी खुश रहेंगे,कृषि सामान्य रहेगी!दि.३,१२ शुभ है,२४ अशुभ है! राधाष्ट्क लाभप्रद है!
मिथुन-->मिथुन राशि वाले जातको के लिए यह माह आकस्मिक लाभ वाला रहेगा! कानून से संबंधी कार्य में सफलता मिलेगी,बिधार्थी सफल होंगे,संतान पक्ष की तरक्की होगी!व्यापार अच्छा रहेगा,कृषि लाभ देगी,नॉकरी में तरक्की होगी!दोस्त से सहयोग मिलेगा!दि.९.१८ सुभ है,४ अशुभ है! राम-रक्षा- स्त्रोत्र का पाठ लाभ देगा!
कर्क-->कर्क राशि वाले जातको के लिए यह माह भूमि-भवन के सुख वाला रहेगा! माता का सुख मिलेगा,व्यापार अच्छा रहेगा,नॉकरी में उन्नति होगी,आर्थिक स्थिति मजबूत होगी! हध्दय संबंधी तकलीफ से मानसिक तनाव रहेगा,कृषि सामान्य रहेगी,किसी रिश्तेदार से तकलीफ रहेगी! दि.१९,२५ शुभ है,१३ अशुभ है! राधा-कृष्ण भक्ति लाभप्रद है!
सिंह-->सिंह राशि वाले जातको के लिए यह माह पराक्रम-वृध्दि वाला रहेगा! व्यापार मध्यम रहेगा,कृषि लाभप्रद रहेगी,नॉकरी में अधिकारी नाराज हो सकते है! कार्य में अवरोध की स्थति आ सकती है,पितृ कष्ट रहेगा, पारिवारिक कलह के योग है! दुखद समाचार के योग है!दि.१,१० शुभ  है, ३ अशुभ है!शिव-शक्ति की आराधना लाभप्रद है!
कन्या-->कन्या राशि वाले जातको के लिए यह माह आर्थिक सफलता वाला रहेगा! विधार्थी के लिए यह माह उत्तम रहेगा,सुखद समाचार मिलेगा,व्यापार सामान्य रहेगा,कृषि मध्यम रहेगी,नॉकरी में उन्नति होंगी! जोखिम भरे कार्य न करे हानि हो सकती है! दोस्त से सहयोग  मिलेगा! दि, १३,२७ शुभ है,१९ अशुभ है! श्री कृष्ण भक्ति लाभप्रद है!
क्या आप जानते हैं भद्रा क्या है...? तुला--> तुला राशि वाले जातको के लिए यह माह कार्य में उन्नति वाला रहेगा! व्यापार में विशेष लाभ होगा! कृषि लाभ देगी,नॉकरी में उन्नति होगी! पितृ पक्ष सुखी होंगे,संतान से सुख एवं सहयोग मिलेगा,किसी अनजान से दोस्ती न करे हानि हो सकती है! दि. ७,९ शुभ है,१५ अशुभ है!
राम-रक्षा-स्त्रोत्र लाभप्रद है!
वृश्चिक-->वृश्चिक राशि वाले जातक के लिए यह माह सामान्य रहेगा! कृषि सामान्य रहेगी,व्यापार हानि दे सकता है,नॉकरी में अधिकारी नाराज रहेंगे! यात्रा व वाहन से हानि के योग बनते है,साबधानी रखे! स्त्री को पीड़ा हो सकती है! पारिवारिक विरोध रहेगा, वेरोजगार की नॉकरी लगेगी!
दि.९.१७ शुभ है,२२ अशुभ है! शिव आराधना लाभप्रद है!
धनु--> धनु राशि वाले जातको के लिए यह माह जायदाद वृध्दि वाला रहेगा! राज्यकार्य में उन्नति होगी,वेरोजगार की नॉकरी लगेगी,यश प्राप्ति मिलेगी,कृषि लाभप्रद रहेगी,स्त्री से सुख मिलेगा,संतान से चिंता रहेगी! नये वाहन के योग है! दि. ११.२२ शुभ है,२ अशुभ है! सीता राम स्तुति
लाभप्रद है!
मकर--> मकर राशि वाले जातको के लिए यह माह यश प्राप्ति वाला रहेगा! व्यापार में लाभ होंगा,नॉकरी में उन्नति होगी,कृषि मध्यम रहेगी! कार्य क्षेत्र में सफलता मिलेगी,स्त्री से सुखं मिलेगा,संतान पक्ष से चिंता रहेगी,किसी नारी से दोस्ती सोच कर करे परेशानी आ सकती है! दि. २०,२९ शुभ है १० अशुभ है! गायत्री-मन्त्र लाभप्रद है!
कुम्भ-->कुम्भ राशि वाले जातक के लिए यह माह सुखद समाचार लेकर आएगा! यात्रा से सुख मिलेगा,व्यापार मध्यम रहेगा,कृषि लाभप्रद रहेगी,नॉकरी में हल्की परेशानी आ सकती है! विशेष कार्य पर खर्च होंगा,स्त्री पक्ष से लाभ मिलेगा! पेट सम्बन्धी तकलीफ रहेगी,पुराने दोस्त से लाभ मिलेगा! दि.१२,२८ शुभ है,२४ अशुभ है! राधाकृष्ण भक्ति लाभप्रद  है!
मीन-->मीन राशि वाले जातको के लिए यह माह मिश्रित फल वाला रहेगा! व्यापार सामान्य रहेगा,कृषि मध्यम रहेगी,नॉकरी में अधिकारी प्रसन्न रहेगे! वाहन से हानि के योग है,सावधानी से कार्य करे! स्वास्थ्य में गिरावट आएगी,निकटतम व्यक्ति के वियोग के योग है! माता-पिता को कष्ट रहेगा! दि.४,२६ शुभ है,८ अशुभ है! हनुमान भक्ति लाभप्रद है! 

अगस्त २०१२ में ध्दाद्श राशियों का फलादेश

अगस्त २०१२ में ध्दाद्श राशियों का फलादेश--> मेष--.मेष राशि वाले जातको के लिए यह माह सन्तान की सफलता वाला रहेगा! स्वास्थ्य पर खर्च होंगा,पत्नी एवं ससुराल पक्ष पर भी खर्च होगा,व्यापार मध्यम रहेगा,कृषि में हानि हो सकती है,किसी कार्य को लेकर उलझन में पड़ सकते है,सावधानी से काम करे! नॉकरी में उन्नति होगी! दि.२,७ शुभ है,१५ अशुभ है! कृष्ण भक्ति लाभप्रद है!--
> वृषभ--> वृषभ राशि वाले जातको के लिए यह माह शत्रु पर विजय प्राप्ति वाला रहेगा! शैक्षिक कार्य पर विशेष खर्च होंगा,शारीरिक पीड़ा रहेगी,स्त्री पक्ष से विरोध हो सकता है,यात्रा आवश्यक को तो ही करे हानि के योग है! व्यापार अच्छा रहेगा,नॉकरी में अधिकारी खुश रहेंगे,कृषि सामान्य रहेगी!दि.३,१२ शुभ है,२४ अशुभ है! राधाष्ट्क लाभप्रद है!
मिथुन-->मिथुन राशि वाले जातको के लिए यह माह आकस्मिक लाभ वाला रहेगा! कानून से संबंधी कार्य में सफलता मिलेगी,बिधार्थी सफल होंगे,संतान पक्ष की तरक्की होगी!व्यापार अच्छा रहेगा,कृषि लाभ देगी,नॉकरी में तरक्की होगी!दोस्त से सहयोग मिलेगा!दि.९.१८ सुभ है,४ अशुभ है! राम-रक्षा- स्त्रोत्र का पाठ लाभ देगा!
कर्क-->कर्क राशि वाले जातको के लिए यह माह भूमि-भवन के सुख वाला रहेगा! माता का सुख मिलेगा,व्यापार अच्छा रहेगा,नॉकरी में उन्नति होगी,आर्थिक स्थिति मजबूत होगी! हध्दय संबंधी तकलीफ से मानसिक तनाव रहेगा,कृषि सामान्य रहेगी,किसी रिश्तेदार से तकलीफ रहेगी! दि.१९,२५ शुभ है,१३ अशुभ है! राधा-कृष्ण भक्ति लाभप्रद है!
सिंह-->सिंह राशि वाले जातको के लिए यह माह पराक्रम-वृध्दि वाला रहेगा! व्यापार मध्यम रहेगा,कृषि लाभप्रद रहेगी,नॉकरी में अधिकारी नाराज हो सकते है! कार्य में अवरोध की स्थति आ सकती है,पितृ कष्ट रहेगा, पारिवारिक कलह के योग है! दुखद समाचार के योग है!दि.१,१० शुभ  है, ३ अशुभ है!शिव-शक्ति की आराधना लाभप्रद है!
कन्या-->कन्या राशि वाले जातको के लिए यह माह आर्थिक सफलता वाला रहेगा! विधार्थी के लिए यह माह उत्तम रहेगा,सुखद समाचार मिलेगा,व्यापार सामान्य रहेगा,कृषि मध्यम रहेगी,नॉकरी में उन्नति होंगी! जोखिम भरे कार्य न करे हानि हो सकती है! दोस्त से सहयोग  मिलेगा! दि, १३,२७ शुभ है,१९ अशुभ है! श्री कृष्ण भक्ति लाभप्रद है!

तुला--> तुला राशि वाले जातको के लिए यह माह कार्य में उन्नति वाला रहेगा! व्यापार में विशेष लाभ होगा! कृषि लाभ देगी,नॉकरी में उन्नति होगी! पितृ पक्ष सुखी होंगे,संतान से सुख एवं सहयोग मिलेगा,किसी अनजान से दोस्ती न करे हानि हो सकती है! दि. ७,९ शुभ है,१५ अशुभ है!
राम-रक्षा-स्त्रोत्र लाभप्रद है!
वृश्चिक-->वृश्चिक राशि वाले जातक के लिए यह माह सामान्य रहेगा! कृषि सामान्य रहेगी,व्यापार हानि दे सकता है,नॉकरी में अधिकारी नाराज रहेंगे! यात्रा व वाहन से हानि के योग बनते है,साबधानी रखे! स्त्री को पीड़ा हो सकती है! पारिवारिक विरोध रहेगा, वेरोजगार की नॉकरी लगेगी!
दि.९.१७ शुभ है,२२ अशुभ है! शिव आराधना लाभप्रद है!
धनु--> धनु राशि वाले जातको के लिए यह माह जायदाद वृध्दि वाला रहेगा! राज्यकार्य में उन्नति होगी,वेरोजगार की नॉकरी लगेगी,यश प्राप्ति मिलेगी,कृषि लाभप्रद रहेगी,स्त्री से सुख मिलेगा,संतान से चिंता रहेगी! नये वाहन के योग है! दि. ११.२२ शुभ है,२ अशुभ है! सीता राम स्तुति
लाभप्रद है!
मकर--> मकर राशि वाले जातको के लिए यह माह यश प्राप्ति वाला रहेगा! व्यापार में लाभ होंगा,नॉकरी में उन्नति होगी,कृषि मध्यम रहेगी! कार्य क्षेत्र में सफलता मिलेगी,स्त्री से सुखं मिलेगा,संतान पक्ष से चिंता रहेगी,किसी नारी से दोस्ती सोच कर करे परेशानी आ सकती है! दि. २०,२९ शुभ है १० अशुभ है! गायत्री-मन्त्र लाभप्रद है!
कुम्भ-->कुम्भ राशि वाले जातक के लिए यह माह सुखद समाचार लेकर आएगा! यात्रा से सुख मिलेगा,व्यापार मध्यम रहेगा,कृषि लाभप्रद रहेगी,नॉकरी में हल्की परेशानी आ सकती है! विशेष कार्य पर खर्च होंगा,स्त्री पक्ष से लाभ मिलेगा! पेट सम्बन्धी तकलीफ रहेगी,पुराने दोस्त से लाभ मिलेगा! दि.१२,२८ शुभ है,२४ अशुभ है! राधाकृष्ण भक्ति लाभप्रद  है!
मीन-->मीन राशि वाले जातको के लिए यह माह मिश्रित फल वाला रहेगा! व्यापार सामान्य रहेगा,कृषि मध्यम रहेगी,नॉकरी में अधिकारी प्रसन्न रहेगे! वाहन से हानि के योग है,सावधानी से कार्य करे! स्वास्थ्य में गिरावट आएगी,निकटतम व्यक्ति के वियोग के योग है! माता-पिता को कष्ट रहेगा! दि.४,२६ शुभ है,८ अशुभ है! हनुमान भक्ति लाभप्रद है! 








Thursday, 2 August 2012

राजा बलि ने निभाया था रक्षाबंधन का वचन

राजा बलि ने निभाया था रक्षाबंधन का वचन



हिंदू पौराणिक कथा के अनुसार राजा बलि ने भगवान विष्णु से अपना साम्राज्य दुश्मनों के प्रपंचों से बचाने हेतु आग्रह किया।

अपने भक्त के अनुरोध पर भगवान विष्णु ने ब्राह्मण स्त्री का रूप लेकर राजा बलि के निवास में रहने का संकल्प लिया, परंतु इस प्रतिज्ञा को सुन भगवान विष्णु की पत्नि देवी लक्ष्मी ने राजा बलि से अपने स्वामी को स्वर्गलोक नहीं छोड़ने के लिए निवेदन किया।

देवी लक्ष्मी ने श्रावण पूर्णिमा के दिन राजा बलि को राखी बांधकर उनसे अपने स्वामी को स्वर्गलोक नहीं त्यागने का वचन लिया।

बहन की कामना जानकर राजा बलि ने विष्णु देव से स्वर्गलोक में ही रहने की विनती की और इस तरह उन्होंने अपनी बहन के सुहाग की रक्षा की।
राजा बलि के समान जो भाई अपनी बहन की एवं बहन के सुहाग की रक्षा करता है,वह रक्षा-बँधन का सही फर्ज निभाता है!

Tuesday, 31 July 2012

रक्षाबंधन के पवित्र शुभ मुहूर्त

रक्षाबंधन के पवित्र शुभ मुहूर्त


किसी भी कार्य की शुरुआत अच्छे मुहूर्त में करना चाहिए। शुभ मुहूर्त में किए गए कार्य का परिणाम भी अच्छा आता है। भाई-बहन के इस पवित्र त्योहार के दिन बहन अपने भाई की कलाई पर मंगल मुहूर्त में राखी बांधती है, उससे भाई की उन्नति, आयु व आय में वृद्धि होती है।

राखी के दिन ब्राह्मण बंधु जनेऊ (यज्ञोपवित्र) बदलते हैं, यह श्रावणी कर्म कहलाता है। इस बार जनेऊ बदलने का मुहूर्त- सुबह 06.32 से 8.44 तक (कर्क लग्न) है।

Raksha Bandhan ke Muhurt

रक्षाबंधन के पवित्र मुहूर्त :
सुबह 6 से 7.30

दोपहर में 12.05 से 03.00

शाम 04.31 से 07.32 तक।

लग्न अनुसार : -
सिंह लग्न - 6.33 से 08.45

कन्या - 08.45 से 10.58

धनु - 03.36 से 05.35

कुंभ - शाम 07.20 से 08.55

मेष - 10.25 से 12.05 तक रहेगा।

Monday, 30 July 2012

राशि अनुसार क्या बांधे भाई की क़लाई पर

राशि अनुसार क्या बांधे भाई की क़लाई पर--> रक्षा-बंधन भाई-बहन के प्रेम का ही नही,आत्म-विस्वास वाला त्यौहार है! बहन अपने भाई के सिर
पर तिलक लगाकर उसकी लम्बी उम्र की कामना करती है,एवं हाथ में राखी रूपी प्यार का डोरा बांधकर अपनी रक्षा की भाई से प्रार्थना करती है!
ये ऐसा  त्यौहार है, जिसमे भाई-बहन अपने  पवित्र रिश्ते के लिए जन्म-जन्मान्तर के लिए एक- दुसरे की ख़ुशी,उन्नति,लम्बी आयु की कामना करते
है !
       स्वयम माँ लक्ष्मी द्वारा राजा बलि को यह राखी बंधन बांधा गया था ! तब से  यह पवित्र त्यौहार राखी के रूप में मनाया जाता है! राशि अनुसार  बहिने अपने भाई  की कलाई पर क्या बांधे  --------------
aaa1
  1. मेष---> मेष राशि वाली बहने अपने भाई को मालपुए खिलाये एवं लाल डोरे से निर्मित राखी बांधे!
  2. वृषभ--> वृषभ राशि वाली बहने अपने भाई को दूध से निर्मित मिठाई खिलाये एवं सफ़ेद रेशमी डोरे वाली राखी बांधे!
  3. मिथुन--> मिथुन राशि वाली बहने अपने भाई को बेसन से निर्मित मिठाई खिलाये एवं हरे डोरे वाली राखी बांधे!
  4. कर्क--> कर्क राशि वाली बहने अपने भाई को रबड़ी  खिलाये एवं पीली डोरे वाली राखी बांधे!
  5. सिंह--> सिंह राशि वाली बहने अपने भाई को रस वाली मिठाई खिलाये एवं पचरंग डोरे वाली राखी बांधे!
  6. कन्या--> कन्या राशि वाली बहने अपने भाई को मोतीचूर के लड्डू खिलाये एवं गणेश जी के प्रतिक वाली राखी बांधे!
  7. तुला--> तुला राशि वाली बहने अपने भाई को हलवा या घर में निर्मित मिठाई खिलाये एवं रेशमी हल्के पीले डोरे वाली राखी बांधे!
  8. वृश्चिक--> वृश्चिक राशि वाली बहने अपने भाई को गुड से बनी मिठाई खिलाये एवं गुलाबी डोरे वाली राखी बांधे!
  9. धनु--> धनु राशि वाली बहने अपने भाई को रसगुल्ले खिलाये एवं पीले व सफेद डोरे से निर्मित राखी बांधे!
  10. मकर--> मकर राशि वाली बहने अपने भाई को बालूशाही खिलाये एवं काले डोरे वाली राखी बांधे!
  11. कुम्भ--> कुम्भ राशि वाली बहने अपने भाई को कलाकंद खिलाये एवं नीले डोरे वाली राखी बांधे!
  12. मीन--> मीन राशि वाली बहने अपने भाई को मिल्ककेक खिलाये एवं पीले व नीले डोरे वाली राखी बांधे!

Wednesday, 25 July 2012

प्रणब मुखर्जी : शुभ ग्रह बना रहे हैं राष्ट्रपति

 

प्रणब मुखर्जी का जन्म मृगशिरा नक्षत्र में हुआ है, इसी नक्षत्र ने प्रणब को धैर्यवान, बुद्धिवान एवं प्रखर सोच वाला बनाया। मृगशिरा नक्षत्र के प्रभाव के कारण मुखर्जी राजनीति में आए।

प्रणब के जन्म के समय सूर्य वृश्चिक राशि पर परिभ्रमण कर रहा था, जिसने प्रणब दा को लोक-विख्यात बनाया। मंगल ने परिवारिक सुख एवं आर्थिक सुख दिया। गुरु एवं शुक्र ने आर्थिक सुख के साथ-साथ क्षमावान बनाया।

जन्म कुंडली में शनि कुंभ का होने से देश के प्रथम नागरिक तक का सफर प्रणब मुखर्जी ने तय किया। प्रणब का जन्म मंगल की महादशा में हुआ है। वर्तमान में केतु की महादशा चल रही है। केतु की महादशा में बुध की अंतर्दशा चल रही है, जो कि 16.2.2012 से 13.2.2013 तक रहेगी।
प्रणब का बुध लग्नेश में बैठा है, अत: इस अवधि में पद का शपथ ग्रहण फलीभूत होगा। 25.7.2012 को आनंद योग है, सुबह हस्त नक्षत्र 09.43 तक रहेगा, फिर चित्रा नक्षत्र रहेगा यह प्रणब दा के लिए फायदेमंद रहेगा। साथ ही 25 जुलाई को सर्वार्थ सिद्धि योग है, अत: इस शुभ मुहूर्त में देश के नए राष्ट्रपति का पद ग्रहण करना लाभप्रद रहेगा।

इस दौरान देश को नई उच्चाइयां मिलेंगी। जिसके सारे ग्रह उच्च के हों ऐसे व्यक्तित्व के हाथ में देश की बागडोर रहने से देश की यकीनन उन्नति होगी। आंतक पर नियंत्रण होगा। बाहरी विरोधी पर प्रभाव पड़ेगा। देश की राजनिति पर सीधा असर पड़ेगा।

25 जुलाई को नक्षत्र एवं योग के साथ चन्द्र की स्थिति, सूर्य की स्थिति प्रणब के अनुकूल रहने से देश को एक अच्छा राष्ट्रपति मिलेगा। शनि प्रणब को घमंडी बना सकता है, इसका उन्हें विशेष ध्यान देना होगा। किसी भी गंभीर मुद्दे पर निर्णय लेने के लिए बुध अच्छा सहयोग देगा। प्रणब मुखर्जी को गणेश आराधना करना चाहिए।


महेंद्र सिंह धोनी

 

महेंद्र सिंह धोनी का जन्म 7 जुलाई 1981 को रांची शहर में हुआ। उनके जन्म के समय उत्तरा-फाल्गुनी नक्षत्र चल रहा था, जिसने आपको देश का सर्वोच्च क्रिकेट खिलाडी़ बनाने के साथ-साथ भारतीय टीम की कप्तानी का मौका भी दिया। इतना ही नहीं देश-विदेश में ख्याति भी दिलाई।

जन्म के समय सूर्य मिथुन राशि पर परिभ्रमण कर रहा था, जिसने आपको आर्थिक संपन्न बनाया एवं कुंडली में बैठे सूर्य की स्थिति ने आपका भाग्योदय किया। सिंह के चंद्र ने मान-सम्मान दिलाया। कुंडली में चंद्र की स्थिति के प्रभाव से आपने अपने पराक्रम से धन एवं ख्याति अर्जित की। यह पारिवारिक सुख भी प्रदान करता है।

मंगल का शुक्र राशि में स्थित होने से दयावान स्वभाव का बनाता है। धोनी की कुंडली में बुध स्व-राशि मिथुन में विराजमान है, अत: यह धनवान एवं बुद्धिमान बनाता है। बुध की स्थिति अन्य कष्टों को भी दूर करती है।

गुरु भी वैभव प्रदान करता है। परंतु जातक हर समय कुछ न कुछ होते हुए भी असंतुष्ट रहता है। शुक्र भी आपको संपन्न बनाता है। पत्रिका में विराजित शनि के प्रभाव के कारण ही आपने माता-पिता एवं परिवार का नाम उज्ज्वल किया। आगे भी शनि की स्थिति उन्नति कराएगी।

आपके जन्म के समय शनि कन्या राशि पर भ्रमण कर रहा था, जिसने आपको भारतीय टीम का कप्तान बनाया। कुंडली में राहु की स्थिति के कारण आप विपक्ष टीम को परास्त करने की क्षमता रखते है अर्थात् टीम को जीत दिलाने में राहु का योगदान रहा है। केतु के कारण आपको स्वास्थ्य संबंधी परेशानी हो सकती है, गुर्दा से संबंधित तकलीफ हो सकती है, अत: ध्यान रखें।

जब भी कभी घोड़े की सवारी का मौका आए तो ध्यान रखें, इससे खतरा हो सकता है। आपके लिए राहु-केतु की शांति कराना बहुत फायदेमंद रहेगी। अत: अवश्य ही यह करना चाहिए।

महेंद्र का जन्म सूर्य की महादशा में हुआ है। जिसका भोग्यकाल 5 वर्ष 9 माह 21 दिन रहा। वर्तमान में राहु की महादशा चल रही है, जिसका प्रारंभ 28/4/2004 से हुआ है एवं 28/4/2022 तक रहेगी। राहु की महादशा में बुध की अंतर्दशा 10/4/2012 तक रहेगी, सूर्य की महादशा में बुध की अंतर्दशा चल रही है एवं बुध की अंतर्दशा में बुध की प्रत्युंतर दशा 20/8/2012 तक चलेगी। इस दौरान गणेश की आराधना लाभप्रद रहेगी।

आपके लिए आगामी समय में अगस्त 2012 का समय ठीक ही रहेगा, सितंबर-अक्टूबर मध्यम रहेगा, नवंबर-दिसंबर अच्छा रहेगा। लेकिन जनवरी 2013 भाग्य में नया मोड़ ला सकता है। फरवरी-मार्च 2013 अनुयायी प्रशंसक का नया उत्साह आपके प्रति उभरेगा। मई-जून 2013 आपके लिए कष्ट वाला हो सकता है। पन्ना एवं पुखराज का संयुक्त लॉकेट धारण करना फलदाई रहेगा।

श्रावण में राशि अनुसार करें शिव आराधना




गुरु का परिभ्रमण

गुरु का परिभ्रमण -->चन्द्र कुंडली अनुसार जब गुरु परिभ्रमण पर रहते है,किस स्थान पर क्या परिणाम देते है,एवं उनसे क्या लाभ या हानि होती है!
जानिये!
प्रथम भाव में-->आर्थिक कष्ट चिंताए घेरती है,यात्रा होती है! परन्तु रिश्तेदारों से मनमुटाव होता है!
ध्दितीय भाव में--> घर में ख़ुशी आती है,अविवाहित का विवाह होता है,एवं ग्रहस्थी वाले के घर बच्चे का जन्म होता है,धन की प्राप्ति होती है!
अर्थात पूर्ण सुख मिलाता है! इसी के साथ शत्रुयो का नाश होता है!
तृतीय भाव में--> धन की कमी होती है,रिश्तेदारों से कटुता एवं कार्य में असफलता मिलाती है,बीमारी का भय रहता है,यात्रा में नुकसान होता है,
इसी के साथ स्थान परिवर्तन होता है!
चतुर्थ भाव में-->जातक किसी मित्र या रिश्तेदार से अपमानित होता है,जातक का गलत कार्य के लिय मन विचलित होता है, एवं चोरी का भय
बना रहता है!
पंचम भाव में-->राजकार्य में सफलता मिलाती है,उच्च अधिकारियो से सम्मान मिलता है,एवं जातक को नये पद की प्राप्ति होती है, सन्तान की प्राप्ति होती है,वेरोजगार को नोकरी मिलती है,घर शुभ कार्य होता है, गुरु के पंचम भाव में रहने से जमीन-जायदाद एवं एनी बैभव विलासिता की क्स्तुयो की खरीददारी होती है!
षष्टम भाव में--> घर में झगड़े होते है,रिश्तेदारों से मान मुटाव की स्थिति उत्पन्न होती है! एवं धन होती हा!
सप्तम भाव में--> परिवार में ख़ुशी आती है,शादी व नये सम्बन्ध होते है,धन की प्राप्ति होती है,बाहन सुख तथा बच्चे का जन्म होता है!
अष्टम भाव में-->कई प्रकार के कष्ट देता है!
नवम भाव में--> ज्ञान के साथ कार्य करने की दक्षता बदती है!
दशम भाव में--> बीमारी धन हानि होती है! जायदाद का नुकसान होता है, स्थान परिवर्तन होता! अर्थात जीवन कष्टमय हो जाता है!
एकादश भाव में--> जीवन में खुशिया आती है,धन की प्राप्ति होती है,भूमिहीन को भूमि मिलती है,अविवाहित का विवाह होता है!एवं ग्रहस्थी वाले
के घर बच्चे का जन्म होता है!
ध्दाद्श भाव में--> कष्टप्रद जीवन होता  है! मानसिक शारीरिक,बोध्दिक कष्ट होता है! 
गुरु विपरीत परिणाम दे तो, गुरु शांति करना हाहिये,एवं गुरु का दान लक्ष्मी-नारायण मंदिर में या किसी गुरु को दे!
गुरु का यह दान है--> पीला कपड़ा, चने की दाल,सोने की वस्तु हल्दी की गाँठ,पीला फुल,पुखराज,पुस्तक,शहद,शक्कर,भूमि छाता इत्यादी देना चहिये! ,