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Friday, 14 September 2012

बारह राशियों पर शनि का प्रभाव

बारह राशियों पर शनि का प्रभाव


Shani dev

जैसे कुछ ग्रहों के साथ शनिदेव शुभ होते हैं और कुछ के साथ अशुभ फलदायी, उसी प्रकार 12 राशियों में से कुछ में शनि लाभदायक तो कुछ में हानिकारक होते हैं। जिन जातक को शनि की साढ़ेसाती व ढैया का प्रभाव है। जानिए, आपकी कुंडली में शनि किस राशि में हैं और यह आपको किस प्रकार से प्रभावित करेंगे :-

मेष राशि :
राशिचक्र में सबसे पहला स्थान मेष राशि का है। इस राशि में शनि नीच का होता है। शनि नीच होने से यह अशुभ फलदायी होता है। इस राशि शनि की स्थिति से व्यक्ति में आत्मविश्वास की कमी होती है। इस राशि में जिनके शनि होता है शनि उन्हें हठी और क्रोधी बनाता है। यह व्यक्ति को बुरी आदतों की ओर ले जाता है। मेष राशि में जब शनि की महादशा चलती है उस समय रिश्तेदारों एवं मित्रों के साथ विरोध उत्पन्न होता है। इस समय संबंधों में दूरियां भी बढ़ जाती हैं।

वृषभ राशि :
वृष राशि राशिचक्र में दूसरी राशि है। जिस व्यक्ति की कुंडली में शनि इस राशि में होता है वह व्यक्ति असत्य भाषण करने वाला होता है। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार ऐसा व्यक्ति विश्वासपात्र नहीं होता यह अपने स्वार्थ के लिए किसी को धोखा दे सकता है। यह काफी चतुर और शक्तिशाली होता है। काम की भावना इनमें अधिक रहती है।

मिथुन राशि :
मिथुन तीसरी राशि है। इस राशि में शनि का होने पर यह व्यक्ति को दुःसाहसी बनाता है। व्यक्ति चतुर और धूर्त प्रकृति का होता है। राजनीति एवं कुटनीतिक क्षेत्र में इन्हें विशेष सफलता मिलती है। इनमें दया और सद्भावना की कमी होती है। संतान की दृष्टि से यह स्थिति बहुत अच्छी नहीं होती है, क्योंकि यह अल्प संतान का योग निर्मित करता है। साहित्य, संगीत एवं सौन्दर्य के प्रति व्यक्ति में विशेष लगाव रहता है।

कर्क राशि :
राशि चक्र की चौथी राशि है कर्क राशि। जिस व्यक्ति की कुंडली में चतुर्थ भाव में शनि होता है वह व्यक्ति जिद्दी और दूसरों से ईर्ष्या करने वाला होता है। स्वार्थ की भावना इनमें प्रबल रहती है। मातृ पक्ष से इन्हें सुख की कमी महसूस होती है। जब शनि की महादशा कर्क राशि में होती है उस समय इन्हें विशेष कष्ट होता है। शनि की महादशा में पारिवारिक जीवन में उथल-पुथल, मानसिक अशांति, अस्वस्थता मिलती है।

सिंह राशि :
सिंह राशि राशि चक्र में पांचवीं राशि है। इस राशि में शनि के होने से शनि व्यक्ति को गंभीर और चिंतनशील बनाता है। व्यक्ति अपने कार्य में निपुण और परिश्रमी होता है। इस राशि में शनि से प्रभावित व्यक्ति अपनी बातों पर अडिग रहने वाला होता है। गोचर में इस राशि में जब शनि की महादशा चलती है, उस समय इन्हें अत्यधिक परिश्रम करना होता है। अनावश्यक रूप से धन की हानि होती है और मन में निराशात्मक विचार आते रहते हैं।

कन्या राशि :

Shani dev

जिनकी कुंडली में कन्या राशि में शनि होता है वे परोपकारी और गुणवान होते हैं। इस राशि में जिनके शनि होता है वे धनवान और शक्तिशाली होते हैं। कम बोलने वाले और लेखन एवं गंभीर विषयों में रुचि रखने वाले होते हैं। ये सामाजिक कार्यों में शामिल रहते हैं। पारंपारिकता एवं पुराने विचारों में यकीन रखने वाले होते हैं। इस राशि में शनि की महादशा में इन्हें यश और लाभ मिलता है।

तुला राशि :
तुला राशि में शनि उत्तम फल देने वाला होता है। यह व्यक्ति को स्वाभिमानी, महत्वाकांक्षी और भाषण कला में निपुण बनाता है। यह व्यक्ति को स्वतंत्र विचारों वाला और चतुर बनाता है। आर्थिक रूप से मजबूत और कुशल मानसिक क्षमता प्रदान करता है।

वृश्चिक राशि :
शनिदेव जिनकी कुंडली में वृश्चिक राशि में होते हैं वह व्यक्ति जोशीला और क्रोधी होता है। इनमें अभिमान और वैराग्य की भावना रहती है। इनका स्वभाव गंभीर और ईष्यालु होता है। इस राशि में शनि की महादशा जब चलती है तब आर्थिक क्षति और मान-सम्मान की हानि होती है।

धनु राशि :
राशिचक्र में शनि का स्थान नवम है। इस राशि में शनि होने पर यह व्यक्ति को व्यावहारिक और ज्ञानवान बनाता है। व्यक्ति परिश्रमी और नेक विचारों वाला होता है। चतुराई और अक्लमंदी से काम करने वाला एवं दूसरों के उपकार को मानने वाला होता है। इस राशि में जब शनि की महादशा चलती है उस समय व्यक्ति को सुख और उत्तम फल प्राप्त होता है। शिक्षा के क्षेत्र में महादशा के दौरान सफलता मिलती है।

मकर राशि :
राशि चक्र की दसवीं राशि यानी मकर राशि में शनि व्यक्ति को परिश्रमी और ईश्वर के प्रति आस्थावान बनाता है। कारोबार में प्रगति, आर्थिक लाभ, जमीन जायदाद का लाभ यह शनि दिलाता है। शनि इनकी प्रकृति शंकालु बनाता है। लालच और स्वार्थ की भावना भी इनके अंदर रहती है।

कुंभ राशि :
जिनकी कुंडली में शनि एकादश भाव यानी कुंभ राशि में होता है वह व्यक्ति अहंकारी होता है। आर्थिक रूप से सामान्य रहते हैं। कूटनीतिक क्षेत्र में सफल और बुद्धिमान होते हैं। नेत्र रोग से पीडि़त होते हैं। व्यवहार कुशल और भाग्य के धनी होते हैं।

मीन राशि :
मीन राशिचक्र की 12वीं राशि है। मीन राशि में शनि स्थित होने पर यह व्यक्ति को गंभीर बनाता है। व्यक्ति दूसरों से ईर्ष्या रखने वाला व महत्वाकांक्षी होता है। इस राशि में शनि के होने पर व्यक्ति उदार और समाज में प्रतिष्ठित होता है। शनि इनकी आर्थिक स्थिति भी सामान्य बनाए रखता है।

तिलक क्यों लगाना चाहिए ?



तिलक क्यों लगाना चाहिए ?

तिलक क्यों लगाना चाहिए ?

भारतीय संस्कृति में प्रत्येक मनुष्य अपने धर्म को बड़े विस्वास एवं आस्था के साथ निभाता है! हिन्दू पूजा करते समय या कहीं जाते समय अवस्य तिलक लगता है! महिलाये भी सुहाग के प्रतीक चिन्ह हेतु तिलक लगाती है! महिलाये लाल तिलक ही लगाती है क्योकि पति जाते समय उस तिलक को देखकर जाता है, जो सूर्य की लालिमा का प्रतीक होता है,एवं तिलक को देखकर पति को ये प्रेरणा मिलती है कि आज का दिन सूर्य कि लालिमा जैसा ( सुखमय ) रहें! एवं हर मांगलिक कार्य,शादी-विवाह,धार्मिक आयोजन,सामाजिक आयोजन में व्यक्ति तिलक लगाकर जाता है !
किसी आयोजन में आने वाले व्यक्ति का स्वागत-सत्कार हम तिलक लगाकर ही करते है! विशेषकर शादी-विवाह में बहन-बेटी या सुहागन आने वाले प्रत्येक व्यक्ति का स्वागत तिलक लगाकर करती है! विशेषकर यह प्रथा मध्यप्रदेश में मालवा एवं निमाड़ में यह प्रथा आज भी है!



तिलक मस्तक पर दोनों भौंहों के बीच नासिका के ऊपर प्रारंभिक स्थल पर लगाए जाते हैं जो हमारे चिंतन-मनन का स्थान है- यह चेतन-अवचेतन अवस्था में भी जागृत एवं सक्रिय रहता है, इसे आज्ञा-चक्र भी कहते हैं।

पारिवारिक शांति एवं सुख सुबिधा के उपाय



पारिवारिक शांति एवं सुख सुबिधा के उपाय

पारिवारिक शांति एवं सुख सुबिधा के उपाय --> प्रत्येक व्यक्ति को सुखमय जीवन जीने की हरपल कामना रहती है! इस कामना को पूर्ण करने

          
के लिए मनुष्य नाना प्रकार के उपाय करता है,कई बार तो अपने जीवन से निराश हो जाता है एवं ज्योतिषियों के पास जाता है,अथवा तंत्र-मंत्र
के चक्कर में आकर अपना जीवन बर्वाद कर लेते है! अपने जीवन को सुखमय बनाने के लिए हर दिन व्यक्ति घर से निकलते समय ये सरल उपाय कर सकता है--------
सोमवार -> इस दिन  लाइनिंग या चौकड़ी ( चेक्स ) वाला वस्त्र  पहने एवं कांच में अपना चेहरा देखकर घर से निकले!!       
मंगलवार---> मंगलवार के दिन लाल या गुलाबी वस्त्र पहने एवं घर से  गुड खाकर निकले !
बुधवार--. बुधवार के दिन पीला वस्त्र पहने एवं घर से धनिया खाकर निकले !
गुरुवार--> गुरुवार के दिन सफ़ेद वस्त्र पहने एवं घर से जीरा खाकर निकले!
शुक्रवार--> शुक्रवार के दिन सफेद या हल्का पीला वस्त्र पहने एवं घर से दही खाकर निकले!
शनिवार--> शनिवार के दिन काला वस्त्र पहने एवं घर से अदरक खाकर निकले!
रविवार--> रविवार के दिन नीला वस्त्र पहने एवं घर से पान या घी खाकर निकले !
उपरोक्त उपाय के साथ-साथ अपने गुरु,कुलदेव एवं इष्टदेव का स्मरण करके घर से निकले आपके कार्य अवश्य पूर्ण होंगे!

Tuesday, 4 September 2012

सितम्बर २०१२ ज्योतिष की नजर से -->
 
सितम्बर में ग्रहों का राशियों पर परिभ्रमण एवं उनका प्रकृति पर प्रभाव क्या होता है,जानिये!
सूर्य का परिभ्रमण पूर्व के देशो में सुख प्रदान करेगा,दक्षिन एवं पश्चिम के देशो में घटना- दुर्घटना बनी रहेगी,उत्तर के देशो में युध्द का भय बना रहेगा! मंगल के तुला राशि पर परिभ्रमण से सभी धान्य महंगे होंगे,एवं उड़द,मुंग,सूत,कपास आदि वस्तु विशेष महंगी होंगे ! बुध के परिभ्रमण से धन्यो के भाव में स्थितरता आएगी,शुक्र के परिभ्रमण से धान्यो के सस्ते होने की संभावना है,शनि के कारण देश में राजनैतिक लोगो पर विपत्ति आएगी,१८ सितम्बर को सूर्य का राशि परिवर्तन करके कन्या राशि में भ्रमण करने से दक्षिन क देशो में सुख आएगा,पश्चिम एवं उत्तर के देशो में अशांति,पीड़ा रहेगी! पूर्व के देशो में संकट का वातावरण रहेगा! १५ सितम्बर को बुध का सिंह राशि से कन्या राशि में प्रवेश करने से सोने एवं शक्कर के व्यापारियों
को लाभ मिलेगा, इनके भाव में तेजी आएगी! शुक्र का राशि बदलकर सिंह राशि में परिभ्रमण करने से स्वर्ण,लाल वस्तुए,पशु के भाव के साथ-साथ
धान्य के भी भाव बढेंगे! परन्तु वर्षा कम होगी!
इस माह की कुंडली को आकाशीय द्रष्टि से देखे तो, सूर्य-बुध के साथ में रहने से कहीं अच्छी कही कम वर्षा होंगी,शुक्र के कारण खंड एवं कही कम वर्षा होंगी,दिल्ली,राजस्थान,हरियाणा,
उ.प्र.,उत्तराखंड,गुजरात,उड़ीसा,कर्णाटक,गोवा,आसाम,पंजाब,हिमाचल में कही अच्छी कही खंड वर्षा होंगी!

सितम्वर २०१२ में ध्दाद्श राशियों का फलादेश-->



मेष--> मेष राशि वाले जातको के लिए यह माह स्थान-परिवर्तन वाला हो सकता है! कृषि कार्य में मध्यम लाभ मिलेगा,व्यापार में परेशानी आ सकती है,सहयोग में कमी रहेगी,मेहनत अधिक आय कम रहेगी,यात्रा में परेशानी आ सकती है,अत:
जरुरी कार्य आने पर ही यात्रा करे! मित्र से सहयोग मिलेगा! दि.२,१६ हुभ है,५,१३ अशुभ है! श्री कृष्ण-आराधना लाभप्रद है!
वृषभ--> वृषभ राशि वाले जातको के लिए यह माह क़ानूनी ( न्यायलय सम्बन्धी ) लाभ वाला रहेगा!पारिवारिक सुख में वृध्दि होगी,स्वास्थ्य सम्बन्धी परेशानी आ सकती है,कृषि लाभप्रद रहेगी,व्यापार मध्यम रहेगा,नोकरी में अधिकारी खुश रहेंगे! किसी अनजान से दोस्ती न करे! दि.६.१२
शुभ है,२३ अशुभ है! श्री गणेश आराधना लाभप्रद है!
मिथुन--> मिथुन राशि वाले जातको के लिए यह माह मिश्रित फल वाला रहेगा! नोकरी में उन्नति होगी,व्यापार सामान्य रहेगा,कृषि सामान्य लाभ देगी,विधार्थी को तकलीफ का सामना करना पड़ेगा! व्यर्थ कार्यों पर धन व्यय होगा! अचानक हानि के योग है! पुराने मित्र से अनवन के योग है ध्यान
रखे! दि. ६,२५ शुभ है, १७ अशुभ है! गुरु आराधना करना लाभप्रद रहेगा!
कर्क-->कर्क राशि वाले जातको के लिए यह माह मांगलिक कार्य वाला रहेगा! विद्यार्थी के लिए कष्टप्रद रहेगा ,माता को कष्ट रहेगा ! भूमि सम्बंधित हानि होगी ! आय कम खर्च अधिक रहेगा, अचानक सामजिक यात्रा के योग बनेंगे! इस माह किसी अनजान से दोस्ती के योग है, अत:  सोचकर करे, उससे हानि हो सकती है! दि.७,१५ शुभ है, ४ अशुभ है! श्री शिव जी की आराधना लाभप्रद रहेगी!
सिंह-->सिंह राशि वाले जातको के लिए यह माह व्यापार वृध्दि वाला रहेगा!. विद्यार्थियों को लाभ मिलेगा ! कृषि में उन्नति रहेगी ! भाई  से सहयोग मिलेगा! नॉकरी में अधिकारी खुश रहेंगे, स्त्री को कष्ट हो सकता है , ससुराल से परेशानी हो सकती है! दि:११,२२ शुभ है ,१७ अशुभ है! गणेश जी की आराधना लाभप्रद है !
कन्या-->कन्या राशि वाले जातको के लिए यह माह यात्रा में लाभ वाला रहेगा! स्थान-परिवर्तन के योग है.इससे लाभ मिलेगा! संतान की उन्नति होगी! स्वयं पर खर्च अधिक होगा! कृषि लाभप्रद रहेगी! नॉकरी में अड़चन रहेगी! मित्र द्वारा ख़ुशी प्राप्त होगी! राजनेतिक कार्य में लाभ होगा! दि:१८,२७ शुभ है, २४ अशुभ है! गणेश,गौरी की आराधना करे !
तुला--> तुला राशि वाले जातको के लिए यह माह आर्थिक उन्नति वाला रहेगा! व्यापार में वृध्दि होगी, कृषि अच्छा लाभ देगी! नॉकरी में अधिकारी नाराज हो सकते हे, ध्यान रखे! पुराने मित्र से मनमुटाव के योग है! क़ानूनी उलझन से बचे ! माता-पिता को कष्ट रहेगा! दि:३,१२ लाभप्रद है ७ अशुभ है! राधा-कृष्ण आराधना लाभप्रद है !
वृश्चिक--> वृश्चिक राशि वाले जातको के लिए यह माह व्यापार लाभ वाला रहेगा! कृषि मध्यम रहेगी! नौकरी में उन्नति होगी! संतान चिंता रहेगी! मानसिक परेशानी रहेगी! स्त्री द्वारा सहयोग प्राप्त होगा! पारिवारिक क्लेश रहेगा! मित्र से सहयोग प्राप्त होगा! धार्मिक यात्रा के योग है! दि. १,२५ शुभ है,8 अशुभ है! श्री कृष्ण आराधना लाभप्रद है!
धनु--> धनु राशि वाले जातको के लिए यह माह व्यापार वृध्दि वाला रहेगा! कृषि मध्यम रहेगी, नौकरी में उन्नति होगी,स्त्री को कष्ट रहेगा,माता-पिता को कष्ट रहेगा! विधार्थी को सफलता में तकलीफ आएगी,मित्र से सहयोग प्राप्त होगा! शुभ समाचार प्राप्त होंगे! दि.९.१८ शुभ है,३ अशुभ है! श्री-राम स्तुति लाभप्रद है!
मकर--> मकर राशि वाले जातको के लिए यह माह लाभ वाला रहेगा! भूमि सम्बन्धी विवाद  हल (निपटारा ) होगा! व्यापार अच्छा रहेगा,कृषि लाभ देगी, नौकरी में उन्नति होगी,सन्तान से चिंता रहेगी,भाई से सहयोग प्राप्त होगा! अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखे,मित्र सहयोग मिलेगा! दि. ३, १५ शुभ है,१९ अशुभ है! शिव आराधना लाभप्रद है!
कुम्भ--> कुम्भ राशि वाले जातको के लिए यह माह धार्मिक वाला रहेगा! कृषि लाभप्रद रहेगी,नौकरी में तकलीफ आएगी,माता-पिता से बिरोध
के योग है,परन्तु अचानक लाभ के योग है! वेरोजगार को नौकरी मिलगी! सन्तान से ख़ुशी प्राप्त होगी! दि. ६,१८ शुभ है,५ अशुभ है! गणेश आराधना लाभप्रद है!
मीन-->मीन राशि वाले जातको के लिए जातको के लिए यह माह सामान्य रहेगा! व्यापार ठीक रहेगा, कृषि सामान्य लाभ देगी,नौकरी में अधिकारी खुश रहेंगे! प्रवास में पीड़ा रहेगी, स्वास्थ्य ख़राब रहेगा, शत्रु भय बना रहेगा! बहन को कष्ट के योग है,पत्नी से सहयोग प्राप्त होंगा! दि.१४,२६ शुभ है,१३ अशुभ है! श्री राधा-कृष्ण की आराधना लाभप्रद है!