राम नवमी पर्व के अवसर पर राम जी का आशीर्वाद लेने के लिए प्रभु श्री-राम की आराधना इस प्रकार करें ताकि प्रभु आपकी मन में वश जाये और आपके मनोरथ पूर्ण करें।
प्रत्येक प्राणी के अंदर नाम व् राम का निवास रहता है वस उसे अपने प्रभु की आराधना से जागृत करना चाहिए श्रीराम की आराधना इस राम-नवमी पर ऐसे करें -----
अर्थात वे प्रभु मेरे हृदय में निवास करें।
"करउ सो राम हृदय मम अयना"।
अर्थात हे राम ! मेरे हृदय में अपना घर कर लें।
"मम हिय गगन इंदु इव बसहु सदा निहकम"।
अर्थात आप स्थिर होकर मेरे हृदय रूपी आकाश में चन्द्रमा के समान सदा निवास करें।
" मम हृदय करहु निकेत"।
अर्थात मेरे हृदय को अपना घर बना लें
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ह्रदि बसी राम काम मद गंजय।
ह्रदि बसी राम काम मद गंजय।
अर्थात हे प्रभु राम। मेरे हृदय में बस कर काम और अहंकार को नष्ट कर दे। "
प्रभु श्री-राम आपके मनोरह पूर्ण करेंगे
प्रभु खुद है
निर्मल मन जन सो मोहि पावा।
मोहि कपट छल छिद्र न भावा। "
अर्थात-- जिस सेवक का मन निर्मल होता है,वह मुझे पाता है। मुझे कपट और छल-छिद्र नहीं सुहाते।