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Thursday 25 November 2010

bhom ka kundli me pribrman

नों ग्रह कुंडली पर जब परिभ्रमण करते है , तो जातक को शुभ अशुभ फल देते है ! भोम चन्द्र कुंडली अनुसार
जब भ्रमण करता है!  तो प्रत्येक भाव (स्थान) पर अलग अलग फल देता है ! जानिये !
प्रथम भाव में  >   परिजनों से द्वेष कराता है! रोग , आर्थिक तंगी , राज्याधिकारी से कष्ट तथा आयु की कमी करता है !
दुसरे भाव में >     शत्रुओ को बढ़ाता है एवं  शत्रुओ से नुकसान कराता है ! अधिक खर्च , धन की कमी एवं मानसिक
                         परेशानी देता है !
तीसरे भाव में >   धनागमन कराता है एवं स्वास्थ्य में लाभ देता है ! इच्छाओ की पूर्ति कराता है  तथा मान सम्मान
                        में बढ़ोतरी कराता है ! भोतिक सुख बढ़ाता है !
चोथे भाव में >   परिवार एवं समाज में मान सम्मान में बढ़ोतरी कराता है ! परन्तु दुश्मनों की बढ़ोतरी एवं बीमारी
                        बढ़ाता है !
पाचवे भाव में >  कष्ट कारक होता है ! रोग के साथ हानि एवं रिश्तेदारों से कष्ट देता है !
छटवें भाव में >   शत्रुओ पर विजय दिलाता है एवं कार्य में सफलता देता है ! मान  सम्मान की वृद्धी कराता है !
                          धनागमन के रास्ते बनाता है एवं भोतिक सुख सुविधाए देता है !
सातवे भाव में >   पत्नी से कलह कराता है ! अनेक प्रकार के रोग एवं आर्थिक तंगी देता है ! मंगल सप्तम भाव
                         में रहने पर मित्रो से झगड़ा करवाता है ! सतर्क रह कर कार्य करे ! 
आठवे भाव में >   बीमारी के साथ कमजोरी देता है एवं धन की हानि देता है ! व्यापार कम होता है !
नवम भाव में >   अस्त्र शस्त्रों से चोट पहुचता है ! जब भोम नवम भाव में हो तो यात्रा भी कष्टप्रद होती है ! सम्मान
                         में कमी होती है ! धन की हानि होती है !नवम भाव के भ्रमण में भोम दुर्घटना करा सकता है
                        लेकिन १५ डिग्री पर रहने से शुभ फल देता है !
दसवे भाव में  >   प्रत्येक कार्य में असफलता देता है ! बीमारी देता है ! वाहन न चलाये अथवा बचे !
ग्यारवे भाव में >  आर्थिक सम्पन्नता देता है एवं जातक को जमीन जायदाद दिलाता है ! भोतिक सुख में व्रद्धी
                         कराता है !
बारवे भाव में >  खर्च में बढ़ोतरी के साथ परेशानी देता है ! पत्नी से झगड़े एवं मानसिक कष्ट देता है ! कभी दूसरी
                        ओरतो से भी कष्ट देता है ! रिश्तेदारों से मन मुटाव एवं सम्मान में कमी कराता है !
                                                              उपाय एवं निदान 
                          मंगल जब अशुभ फल दे तो सरलतम उपाय करे ! मंगलवार के दिन तांबा , स्वर्ण , केशर ,मूंगा,
 लाल वस्त्र , लाल चन्दन ,लाल फुल , गेंहू ,गूढ़ , घी , मसूर की दाल ये सभी वस्तुए सूर्योदय के समय या सूर्योदय के दो घंटे के बीच शिव मंदिर या पंडित को दान करे !
             इसी के साथ ॐ अंगारकाय  नमहा के ११००० हजार जाप कराए !

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